लखनऊ, 30 जून। सिटी मोन्टेसरी स्कूल की स्थापना के 60 वर्ष (1959-2019) पूरे होने के उपलक्ष्य में भव्य ‘डायमण्ड जुबली समारोह’ का आयोजन कल 1 जुलाई, सोमवार को प्रातः 8.00 बजे से सी.एम.एस. गोमती नगर (द्वितीय कैम्पस) ऑडिटोरियम में किया जा रहा है।

लखनऊ, 30 जून। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, राजाजीपुरम (प्रथम कैम्पस) के कक्षा-7 के प्रतिभाशाली छात्र आदित्य प्रताप सिंह नेगी ने एस्ट्रोनॉमी पर आधारित क्विज प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार अर्जित कर विद्यालय का नाम गौरवान्वित किया है। यह प्रतियोगिता रीजनल साइंस सिटी, लखनऊ के तत्वावधान में आयोजित हुई।

लखनऊ, 30 जून। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर ऑडिटोरियम में आयोजित ‘विश्व-एकता सत्संग’ में बोलते हुए प्रख्यात शिक्षाविद्, सी.एम.एस. की संस्थापिका निदेशिका एवं बहाई अनुयायी डा. भारती गाँधी ने कहा कि ज्ञान हमेशा बुद्धि एवं विवेक से आवृत होना चाहिए।

लखनऊ, 29 जून। सिटी मोन्टेसरी स्कूल की मेजबानी में चल रहे 8-दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सी.आई.एस.वी. यूथ मीटिंग के प्रतिभागी ब्राजील, चेक रिपब्लिक, इण्डोनेशिया, स्पेन एवं भारत के मेहमान छात्रों ने आज लखनऊ भ्रमण का आनन्द उठाया और लखनऊ की ऐतिहासिक इमारतों, साँस्कृतिक विरासत व गंगा-जमुनी तहजीब से रूबरू हुए।

(1) मैं कौन हूं? मोक्ष क्या है? क्या मोक्ष इसी जीवन में संभव है?

इंसान अनादि काल से जगत की उत्पत्ति और प्रलय के रहस्यों को खोलने में लगा है। वह जानना चाहता है कि यह प्रकृति कैसे कार्य करती है? जीवों के जन्म-मरण का रहस्य क्या है? जगत के इन दैवीय रहस्यों को जानने के लिए मनुष्य जप, तप, खोज, ध्यान, मनन, चिंतन, तीर्थाटन, सत्संग आदि-आदि के मार्ग अपनाता है। आज मानव जाति अनेक समस्याओं, कुरीतियों तथा मूढ़ मान्यताओं से पीड़ित तथा घिरी हुई है। मनुष्य परमात्मा के दर्शन भौतिक आंखों से करना चाहता है। अध्यात्म अनुभव का क्षेत्र है और इसकी प्रक्रियाओं व वैज्ञानिक प्रयोगों को प्रत्यक्ष दिखाया नहीं जा सकता, जैसे- हम वायु को देख नहीं सकते, केवल अनुभव कर सकते हैं, ठीक उसी तरह अध्यात्म के वैज्ञानिक प्रयोग स्थूलजगत में देखे नहीं जा सकते, केवल उनके परिणामों को देखा जा सकता है।

लखनऊ, 28 जून। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) की दो छात्राएं स्नेहा यादव एवं देवार्पिता अपनी शिक्षिका सुश्री नेहा ए. शर्मा के नेतृत्व में हंगरी रवाना हो गई, जहाँ वे एक माह के ‘अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर’ में प्रतिभाग करेंगी।

लखनऊ, 27 जून। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के 41 मेधावी छात्रों ने इस वर्ष प्रतिष्ठित आई.आई.टी.-जे.ई.ई. एडवान्स परीक्षा में चयनित होकर अपने ज्ञान-विज्ञान का परचम लहराया है और विद्यालय का नाम गौरवान्वित किया है।

लखनऊ, 26 जून। सिटी मोन्टेसरी स्कूल की मेजबानी में आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय सी.आई.एस.वी. यूथ मीटिंग के प्रतिभागी ब्राजील, चेक रिपब्लिक, इण्डोनेशिया, स्पेन एवं भारत के छात्रों ने आज यहाँ सी.एम.एस. कानपुर रोड ऑडिटोरियम में आयोजित एक प्रेस कान्फ्रेन्स में एक स्वर से कहा कि हम चाहते हैं कि पूरी दुनिया में शान्ति व अमन हो, कहीं युद्ध न हो, कहीं आपसी वैमनस्य न हो और कहीं मानवाधिकारों का हनन न हो।

लखनऊ, 25 जून। सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) के तीन छात्र अपनी शिक्षिका के नेतृत्व में एक माह के अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर में प्रतिभाग करेंगे। यह अन्तर्राष्ट्रीय बाल शिविर 5 जूलाई से 1 अगस्त तक नार्वे के होर्डेलैण्ड शहर में आयोजित किया जा रहा है।

(1) ‘‘नव शैक्षिक सत्र चरित्र निर्माण का वर्ष हो’’ :-

आज समाज में चारों तरफ शैतानी सभ्यता बढ़ती ही जा रही है। चारित्रिकता, नैतिकता, कानून का सम्मान व जीवन मूल्यों की शिक्षा के अभाव में कुछ लोग आज राह भटक गये हैं, यही कारण है कि समाज में आये दिन महिलाओं के प्रति बढ़ते वीभत्स अपराध, चोरी, हत्या, बलात्कार, भ्रष्टाचार आदि जैसी घटनाएं पढ़ने-सुनने को मिल रही है। आज की इस विषम सामाजिक परिस्थितियों में हमारी बाल एवं युवा पीढ़ियां, विशेषकर लड़कियों का भविष्य असुरक्षित होता चला जा रहा है। यह अत्यन्त ही दुःखदायी एवं सोचनीय विषय बन गया है। वास्तव में हम जो कुछ भी हैं सदाचारी-दुराचारी, हिंसक-अहिंसक, सुखी-दुःखी, सफल-असफल, शांत-अशांत, आस्तिक-नास्तिक, अच्छे-बुरे आदि सब कुछ हमारे विचारों के कारण से हैं। हमारे जीवन में ‘मन’ एक खेत की तरह है तथा ‘विचार’ बीज की तरह हैं। जीवन व चित्त रूपी भूमि में हम परिवार, विद्यालय तथा समाज के वातावरण के द्वारा बालक के मन में जैसे विचारों का बीजारोपण करते हैं वैसे ही विचारों, चरित्र और आचरण का बालक बन जाता है। हमारा मानना है कि बच्चों में बाल्यावस्था से ही चारित्रिक गुणों को विकसित करने के लिए नव शैक्षिक सत्र को चरित्र निर्माण के वर्ष के रूप में मनाना चाहिए।