एकादशी माहात्म्य – आश्विन शुक्ला पापांकुशा एकादशी
युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवन्! आश्विन शुक्ला एकादशी का क्या नाम है? अब आप कृपा करके इसके व्रत की विधि और उसका फल कहिए|
युधिष्ठिर कहने लगे कि हे भगवन्! आश्विन शुक्ला एकादशी का क्या नाम है? अब आप कृपा करके इसके व्रत की विधि और उसका फल कहिए|
धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे कि भगवन्! आश्विन कृष्णपक्ष की एकादशी का क्या नाम है, उसकी विधि और फल क्या है? सो कृपा करके कहिए|
युधिष्ठिर कहने लगे – हे भगवन्! भाद्रपद शुक्ला एकादशी का क्या नाम है, इसकी विधि और माहात्म्य क्या है? कृपा करके आप विस्तारपूर्वक कहिए|
कुंतीपुत्र युधिष्ठिर कहने लगे – हे जनार्दन! भाद्रपद कृष्णा एकादशी का क्या नाम है तथा उसकी विधि और माहात्म्य क्या है?
युधिष्ठिर कहने लगे कि हे मधुसूदन! श्रावण शुक्ला एकादशी का क्या नाम है? इसके व्रत करने की विधि तथा इसका माहात्म्य कृपा करके कहिए- श्रीकृष्णजी बोले – हे राजन! इस एकादशी का नाम ‘पुत्रदा’ है|
कुन्तीपुत्र धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे-हे भगवन्! आषाढ़ शुक्ला देवशयनी एकादशी तथा चातुर्मास्य व्रत माहात्म्य मैंने भली प्रकार से सुना| अब कृपा करके श्रावण कृष्णा एकादशी का क्या नाम है सो आप विस्तारपूर्वक कहिये –
श्रीकृष्ण बोले कि हे राजन्! आषाढ़ शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को देवशयनी एकादशी भी कहते हैं| चातुर्मास का व्रत इसी एकादशी से प्रारम्भ होता है|
धर्मराज युधिष्ठिर ने कहा – हे केशव! आषाढ़ शुक्ला एकादशी का क्या नाम है? इस व्रत के करने की विधि क्या है और किस देवता का पूजन किया जाता है?
धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे कि महाराज मैंने ज्येष्ठ शुक्ला एकादशी के व्रत का माहात्म्य सुना| अब कृपा करके आषाढ़ कृष्णा एकादशी की कथा वर्णन कीजिये|
भीमसेन व्यासजी से कहने लगे कि हे पितामह| भ्राता युधिष्ठिर, माता कुन्ती, दद्रौपदी, अर्जुन, नकुल और सहदेव आदि सब एकादशी का व्रत करने को कहते हैं, परन्तु महाराज मैं उनसे कहता हूँ कि भाई, मैं विधिवत् भगवान् की पूजा आदि तो कर सकता हूँ, दान भी दे सकता हूँ परन्तु भोजन के बिना नहीं रह सकता|