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किसी किसान के बाग में शरीफे का एक पेड़ था| उस पेड़ पर अत्यन्त स्वादिष्ट फल लगते थे| एक दिन वह जमींदार के पास उसे खुश करने के लिए कुछ शरीफे ले गया| जमींदार ने शरीफे खाए तो बहुत प्रसन्न हुआ| फल उसे इतने पसन्द आए कि उसने निश्चय कर लिया कि वह उस पेड़ को हथिया लेगा|

एक कौआ कहीं से उड़ता हुआ आया और मैदान में चरती हुई एक बकरी की पीठ पर बैठ गया| बकरी ने कौए की अनदेखी कर दी और उससे अपनी पीठ पर से हट जाने के लिए नहीं कहा| अब तो कौए की हिम्मत बढ़ गई| उसने बकरी की पीठ पर चोंच मारनी आरम्भ कर दी|

किसी पेड़ पर एक तोता और उसकी मां रहते थे| उसी पेड़ पर एक गौरेया आती-जाती थी| उसने तोते से मित्रता भी कर ली थी| तोता गौरेया की चहचहाहट सुनकर बहुत प्रसन्न होता| एक दिन वह अपनी मां से बोला – “यह गौरेया कितनी अच्छी है|

मेष के साथ मेष राशि वालो की अनुकूलता – प्यार, सेक्स, सम्बन्ध, संवाद, भरोसा और दोस्ती

एक बार एक बकरा-बकरी जब चरने के लिए जाने लगे तो बकरे ने अपने बच्चों से कहा कि जब वह शाम को वापस आएं और जब मैं ऐसे कहूं – “बोनी, टोनी, पिंकी, मिंकी! दरवाजा खोलो| मैं तुम्हारे लिए भोजन लाया हूं| तभी दरवाजा खोलना|” यह कहकर वह किसी हरे-भरे जंगल में चले गए|

एक घोड़ा पानी पीने के लिए नदी पर गया| उस समय नदी में एक जंगली सुअर स्नान कर रहा था| घोड़ा पानी पीने ही वाला था कि सुअर जोर से चिल्लाया – “अरे ओ मुर्ख! तुम इस नदी से पानी नहीं पी सकते| यह नदी मेरी है|”

एक बार एक गधा और बंदर किसी वृक्ष की छांव में बैठे हुए थे| वे आपस में विभिन्न विषयों पर बात कर रहे थे| वे आपस में विभिन्न विषयों पर बात कर रहे थे| अचानक बातचीत का रुख व्यक्तिगत शारीरिक संरचना ने ले लिया| विषय उठा कि दूसरे जानवर किस प्रकार उनके अनाकर्षक शरीर को देखकर हंसते हैं|

एक समय की बात है, किसी व्यक्ति के पास एक गधा था| गधा बहुत परिश्रमी था| मगर मालिक इतना कठोर हृदय था कि गधे से दिन-रात कड़ी मेहनत करवाने के बाद भी उसे भर पेट भोजन नहीं देता था| परिणाम यह हुआ कि गधा धीरे-धीरे दुर्बल हो गया|

एक बार एक सिंह और एक भालू जंगल में अपने शिकार की तलाश में घूम रहे थे| दोनों ही भूख से व्याकुल थे| अचानक उन्हें एक हिरन का बच्चा दिखाई दिया| दोनों ने एक ही बार आक्रमण कर उस हिरण के बच्चे को मार दिया| परंतु बच्चा इतना छोटा था कि वह उन दोनों में से किसी के लिए भी पर्याप्त भोजन नहीं था|