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प्राचीन समय की बात है| राजकुमार भोज अबोध बालक ही थे कि उनके पिता स्वर्गवासी हो गए| भोज के पिता ने शरीर छोड़ते हुए अपने छोटे भाई मुंज को पास बुलाकर कहा- “अभी यह राज्य तुम संभालो| जब भोज बड़ा और समझदार हो जाए तो उसे राजपाट सौंप देना|”

रामानुजचार्य महाराज और श्रीमद्भगवत पर उनके ईमानदारी से काम करने के लिए आगरा विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी की डिग्री से सम्मानित किया गया।

उन्होंने कर्नाटक में स्थित शिमोगा में दस दिवसीय मौन की अवधि में प्रवेश किया। सुदर्शन क्रिया, एक शक्तिशाली श्वास तकनीक, पैदा हुई थी और समय के साथ, यह आर्ट ऑफ़ लिविंग पाठ्यक्रमों का केंद्र बन गया।

स्वामीजी हमें बहुत दयालु रूप से हमारे दर्द, दुःख, चिंताओं और तनावों को कम करने के लिए दिया गया है। सभी सकारात्मक गुणों के इस अवतार ने इस पृथ्वी पर 15 मई 1957 के महान दिवस पर श्रद्धेय माता श्रीमती की छाती में अपनी मौजूदगी बनायी।

अमेरिका के अखबार द क्रिश्चियन साइंस माॅनिटर के अनुसार अफ्रीका महादेश समृद्धि की तरफ तेज कदमों से बढ़ रहा है। अफ्रीका महाद्वीप में 54 देश समाहित हैं और जिनमें करीब एक अरब बीस करोड़ से अधिक लोग रहते हैं। तेल और खनिज पदार्थों के प्रचुर भंडार वाली अफ्रीकी अर्थव्यवस्थाएं अब भी अपने प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से कोसों दूर हैं। इस महादेश ने वर्ष 2017 में मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने का लक्ष्य तय किया है। अगर यह काम संपन्न हो गया, तो इससे पूरे अफ्रीका में वस्तुओं, सेवाओं और लोगों की आवाजाही काफी तेजी से बढ़ेगी। व्यापार, कृषि और वन्य जीवों के संरक्षण की दिशा में बढ़ते कदम अक्सर सुर्खिया नहीं बनते। लेकिन अफ्रीकी के मामले में उनकी भी अहम भूमिका है।

पिछले जन्म की आत्माओं और वर्तमान के कठिन संघर्ष के कारण, 1952 में मेना ने घर छोड़ा और 1953 में उन्होंने आचार्य श्री देशभुजन जी महाराज से क्षुलिकिका दीक्षा ली।