मनुष्य रूप में जन्म हमें लोक कल्याण के लिए ही मिला है!
(1) जीवन के प्रत्येक पल को पूरे उत्साह के साथ जीना चाहिए:
लोक कल्याण की भावना से ओतप्रोत होकर सफल जीवन जीने के लिए प्रत्येक मनुष्य को ईश्वरीय ज्ञान रूपी शक्ति का प्रत्येक पल भरपूर सदुपयोग करना चाहिए। हम जैसा सोचते हैं हम अपने जीवन को वैसा ही बना भी लेते हैं। हमारा अवचेतन मन हमारी सोच या विचार को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वास्तव में हमारा उत्साह हमारी सबसे बड़ी शक्ति है तथा निराशा सबसे बड़ी कमजोरी है। इसलिए हमें जीवन के प्रत्येक पल को पूरे उत्साह के साथ जीना चाहिए। मनुष्य जीवन के महत्व के बारे में किसी ने सही ही कहा है कि – प्रभु कार्य करके पा लो प्रभु का प्यार कहीं लुट न जायें यह खजाना। कल किसने देखा है प्रभु कार्य इसी क्षण आज कर लो। प्रभु कार्य रस जीवन में भर लो। देखो प्रभु कार्य करने यह मौका नहीं आयेगा दुबारा। कहीं समय का पक्षी चुग न जाये दाना। कहीं लुट न जायें सांसों का खजाना। गुजरा हुआ समय फिर वापिस नहीं आता है। समय की गति को कोई रोक नहीं पायेगा। समय के साथ ही नहीं चलना वरन् समय को आगे बढ़कर बढ़ाना है।