धरती को प्रदुषण के महाविनाश से बचाना इस युग का सबसे बड़ा पुण्य है!
(1) प्रकृति से खिलवाड़ के भयंकर परिणाम होगे!
धरती का अस्तित्व रखने वाले सभी जीवों का प्रकृति से सीधा संबंध है। प्रकृति में हो रही उथल-पुथल का प्रभाव सब पर पड़ता है। मनुष्य की छेड़छाड़ की वजह से प्रकृति रौद्ररूप धारण कर लेती है। मानव को समझ लेना चाहिए कि वह प्रकृति से जितना खिलवाड़ करेगा, उतना ही उसे नुकसान होगा। मानव ने पर्यावरण को प्रदूषित किया है, वनों को काटा है, जल संसाधनों का दुरूपयोग किया है। सुनामी हो या अमेरिका के कुछ शहरों को तबाह करने वाला तूफान, सब का कारण प्रकृति से छेड़छाड़ ही है। ओजोन परत में छेद व वातावरण में बढ़ते कार्बन डाई आॅक्साइड की वजह से ग्लोबल वार्मिग का खतरनाक संकेत है। मानव प्रकृति से छेड़छाड़ कर अपने पाँव पर कुल्हाड़ी मारना बंद करे। आज इंसान ने इस जमीं पर मौत का आशियाॅ बनाया। यू तो कदम चाँद पर, जा पहुँचे है लेकिन जमीं पर चलना न आया। धरती को प्रदुषण के महाविनाश से बचाना आज के युग का सबसे बड़ा पुण्य है।