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श्रीगुरुजी ने निमशरण्य में सबसे अधिक श्रीमृत भागवत कथाएं कीं, क्योंकि निमशरण्य को अष्टम वैकुंठ और श्रीमद भागवत कथा का उद्गम कहा जाता है।

एक बार की बात है| काशी निवास करते हुए शंकराचार्य अपने विधार्थियों के साथ धार्मिक कार्यों को विधिपूर्वक पूरा करते हुए गंगा की ओर जा रहे थे कि रास्ते के सामने एक चाण्डाल चार कुत्तों के साथ आ गया|

मोरारी बापू राम चरित्र मानस के एक प्रसिद्ध प्रतिपादक हैं और दुनिया भर में पचास वर्षों से राम काठों को पढ़ते रहे हैं। जबकि फोकल बिंदु शास्त्र ही है, बापू अन्य धर्मों के उदाहरणों पर आधारित हैं और सभी धर्मों के लोगों को प्रवचनों में भाग लेने के लिए आमंत्रित करते हैं।

यह सचमुच दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक चलती-फिरती सड़क पर कोई हादसा हो जाए, हादसे का शिकार इंसान मदद के लिए चिल्लाता रहे और लोग उसकी ओर नजर डालकर आगे बढ़ जाएं या तमाशबीन बनकर फोटो और वीडियो उतारने लगें। सब कुछ करें, बस उसकी मदद के लिए आगे न आएं। आखिर यह किस समाज में जी रहें हम? शायद सेल्फी व फोटो की दीवानगी और मदद करने के जज्बे की कमी ने यह सब आम कर दिया है। इस बार हादसा कर्नाटक के हुबली में हुआ, जहां बस की टक्कर से बुरी तरह जख्मी 18 वर्षीय साइकिल सवार काफी देर तक सहायता के लिए चिल्लाता रहा, लेकिन कोई उसकी मदद को न आया। दुर्घटना के शिकार की मदद न करना और उसकी तस्वीरें खींचते रहना, खुद हमारी और हमारी व्यवस्था, दोनों की संवेदनहीनता का नतीजा है। ऐसे मामलों में लोगों को पुलिसिया प्रताड़ना से बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने भी व्यवस्था दे रखी है।

आनंदमूर्ति गुरु माँ प्रेम, अनुग्रह और करुणा का प्रतीक है। ज्ञान के साथ सशक्त, आगे सोच और गतिशील दृष्टिकोण सभी के लिए उसे प्रेरणा बनाता है। वह उन लोगों के लिए प्रकाश का स्रोत है, जो उत्तर, शांति, ज्ञान और बिना शर्त प्यार की तलाश में हैं। एक व्यावहारिक और यथार्थवादी व्यक्तित्व, उदारवादी विचारों के साथ, वह आकाश के रूप में खुले और विशाल और अंतरिक्ष की तरह तीव्र है।