वट सवित्री
मद्र देश के राजा अश्वपति ने पत्नि सहित सन्तान के लिये सावित्री देवी का विधि पूर्वक व्रत तथा पूजन करके पुत्री होने पर वर प्राप्त किया । सर्वगुण देवी सावित्री ने पुत्री के रूप में अश्वपति के घर कन्या के रूप मे जन्म लिया ।
मद्र देश के राजा अश्वपति ने पत्नि सहित सन्तान के लिये सावित्री देवी का विधि पूर्वक व्रत तथा पूजन करके पुत्री होने पर वर प्राप्त किया । सर्वगुण देवी सावित्री ने पुत्री के रूप में अश्वपति के घर कन्या के रूप मे जन्म लिया ।
फिटकिरी एक ऐसी औषधि है जिसके बारे में हर घर की महिलाएं बहुत कुछ जानती हैं| यह त्वचा रोगों को दूर करने, शरीर के भीतरी अंगों को सुरक्षा प्रदान करने, कीड़ों को मारने, दर्द को कम करने और सूजन एवं बादी को शान्त करने की बेजोड़ दवा है| इसके प्रमुख औषधीय उपयोग अगले पृष्ठ पर दिए जा रहे हैं –
किसी वन में एक बहुत बड़ा वृक्ष था| उसमें बगुलों के अनेक परिवार निवास करते थे| उसी वृक्ष के कोटर में एक काला सर्प भी रहता था| अवसर मिलने पर वह बगुलों के उन बच्चों को मारकर खा जाया करता था जिनके पंख भी नहीं नहीं उगे होते थे| इस प्रकार बड़े आनन्दसे उसका जीवन व्यतीत हो रहा था| यह देखकर बगुले बड़े खिन्न रहते थे, किन्तु उनके पास कोई उपाय नही था| तब दु:खी होकर एक दिन एक बगुला नदी किनारे जाकर बैठ गया| रो-रोकर उसकी आँखें लाल हो गई थी|
“Yudhishthira said, ‘I wish to know in detail, O Bharata, where one meetswith the high rewards of gifts and sacrifices. Are those rewards earnedhere or are they to come hereafter?
रामानुजाचार्य प्राचीन काल में हुए एक प्रसिद्ध विद्वान थे। उनका जन्म मद्रास नगर के समीप पेरुबुदूर गाँव में हुआ था। बाल्यकाल में इन्हें शिक्षा ग्रहण करने के लिए भेजा गया। रामानुज के गुरु ने बहुत मनोयोग से शिष्य को शिक्षा दी।
“Bhishma said, ‘Having once more assumed his proper form, the dog becamevery cheerless. The Rishi, reproving him, drove the sinful creature fromhis hermitage.
1 वैशंपायन उवाच
ततॊ वयध्वगतं पार्थं परातिकामी युधिष्ठिरम
उवाच वचनाद राज्ञॊ धृतराष्ट्रस्य धीमतः
1 [धृ]
सूर्यॊदये संजय के नु पूर्वं; युयुत्सवॊ हृष्यमाणा इवासन
मामका वा भीष्म नेत्राः समीके; पाण्डवा वा भीम नेत्रास तदानीम