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नुस्खा – देवदारु, अजमोद, बायबिड़ंग, सेंधा नमक, पीपरामूल, पीपल, सौंफ एवं कालीमिर्च 20-20 ग्राम तथा बड़ी हरड़, सोंठ और बिधारा 100-100 ग्राम – सबको कूट-पीसकर महीन चूर्ण बनाकर शीशी में रख लें|

गाजर सारे भारत में पैदा होती है| यह खाद्य तथा औषधीय गुणों की दृष्टि से बहुत उपयोगी है| कच्ची खाने से लेकर साग-सब्जी, अचार, मुरब्बा, हलवा, औषधि आदि बहुत से रूपों में गाजर का उपयोग होता है|

एक वन में खरगोश और कछुआ रहते थे| दोनों गहरे मित्र थे| एक दिन वे सैर के लिए निकले| खरगोश तेज चलता और कछुआ धीरे-धीरे| खरगोश को कछुए की चाल पर हँसी आ गई| वह बोला, क्या तुम बीमार हो जो चींटी की चाल चल रहे हो| आओ मेरे साथ दौड़ का मुकाबला करो|

जब श्रीरामचंद्र जी लंका से वापस आए तो इसी अमावस्या को उनका राजतिलक किया गया था। अयोध्या के राजा दशरथ के चार पुत्र थे- राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। श्रीराम को उनकी माता कैकेयी की माँग पर राजा ने १४ वर्ष का वनवास दिया।