Chapter 7
“Vaisampayana said, ‘Hearing that Vidura had returned, and that the kinghad consoled him, the evil-minded son of Dhritarashtra began to burn ingrief.
“Vaisampayana said, ‘Hearing that Vidura had returned, and that the kinghad consoled him, the evil-minded son of Dhritarashtra began to burn ingrief.
नुस्खा – देवदारु, अजमोद, बायबिड़ंग, सेंधा नमक, पीपरामूल, पीपल, सौंफ एवं कालीमिर्च 20-20 ग्राम तथा बड़ी हरड़, सोंठ और बिधारा 100-100 ग्राम – सबको कूट-पीसकर महीन चूर्ण बनाकर शीशी में रख लें|
गाजर सारे भारत में पैदा होती है| यह खाद्य तथा औषधीय गुणों की दृष्टि से बहुत उपयोगी है| कच्ची खाने से लेकर साग-सब्जी, अचार, मुरब्बा, हलवा, औषधि आदि बहुत से रूपों में गाजर का उपयोग होता है|
एक वन में खरगोश और कछुआ रहते थे| दोनों गहरे मित्र थे| एक दिन वे सैर के लिए निकले| खरगोश तेज चलता और कछुआ धीरे-धीरे| खरगोश को कछुए की चाल पर हँसी आ गई| वह बोला, क्या तुम बीमार हो जो चींटी की चाल चल रहे हो| आओ मेरे साथ दौड़ का मुकाबला करो|
जब श्रीरामचंद्र जी लंका से वापस आए तो इसी अमावस्या को उनका राजतिलक किया गया था। अयोध्या के राजा दशरथ के चार पुत्र थे- राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न। श्रीराम को उनकी माता कैकेयी की माँग पर राजा ने १४ वर्ष का वनवास दिया।
“Sanjaya said, ‘When king Yudhishthira the just was thus afflicted by theruler of Madras, Satyaki and Bhimasena and the two sons of Madri byPandu, encompassing Shalya with their cars, began to afflict him in thatbattle.
एक सेठ था| वह बहुत ईमानदार तथा धार्मिक प्रवृत्तिवाला था| एक दिन उसके यहाँ एक बूढ़े पण्डित जी आये| उनको देखकर सेठ की उनपर श्रद्धा हो गयी|
“The king said, ‘I do not desire, O Brahmana, to support life by deceitor fraud. I do not desire wealth, however great, which is to be earned byunrighteous means.
“The Grandsire said, ‘The questions thou hast asked me in respect ofkine, beginning with their gift, are such that there is none else in thethree worlds, O thou of a hundred sacrifices, who could put them!