अध्याय 262
1 [कपिल]
वेदाः परमानं लॊकानां न वेदाः पृष्ठतः कृताः
दवे बरह्मणी वेदितव्ये शब्दब्रह्म परं च यत
शब्दब्रह्मणि निष्णातः परं बरह्माधिगच्छति
1 [कपिल]
वेदाः परमानं लॊकानां न वेदाः पृष्ठतः कृताः
दवे बरह्मणी वेदितव्ये शब्दब्रह्म परं च यत
शब्दब्रह्मणि निष्णातः परं बरह्माधिगच्छति
माजूफल, मायाफल, मज्जफल, माईफल, माजुफल, गाल्स व ओक गाल्स एक पेड़ से प्राप्त होने वाला पदार्थ `है| कुदरत ने अपने नायाब ख़ज़ाने में से हमको ढेरो ऐसी सौगाते दी हैं जो के अमृत से कम नहीं नहीं। मगर हम पहचान नहीं पाते एक अनोखा सा फल है माजूफल – इसको अंग्रेजी में Gall-nut कहते हैं|
“Bhishma said, ‘Then all those ascetics (that dwell in Vatsabhumi),beholding the princess of Kasi firmly resolved on ascetic austerities,dissuaded her and enquired of her, saying, ‘What is thy business?’
“Sanjaya said, ‘Thus urged by Drona, king Duryodhana, filled with rageset his heart on battle.
“Dhritarashtra said, ‘O Muni of profound wisdom, it is even as thousayest! I know it well as do all these kings! Indeed, what thouconsiderest to be beneficial for the Kurus was pointed out to me, O Muni,by Vidura and Bhishma and Drona. And, if I deserve thy favour, and ifthou hast kindness for the Kurus, do thou exhort my wicked sonDuryodhana!’
किसी गाँव में एक किसान रहता था| उसके चार पुत्र थे| चारों भाई आपस में लड़ते झगड़ते रहते थे| चारों भाई अपनी तरफ से गलत काम करते रहते थे| एक दूसरे की शिकायत अपने किसान पिता से लगाकर तुरंत पकड़े भी जाते थे| किसान अपने चारों पुत्रों की इन गति-विधियों से बहुत दुःखी था| उसको चिंता सताने लगी जिसके कारण वह बीमार हो गया|
दीपावली भगवान महावीर की पुण्यतिथि भी है। उनका जन्म भारत के बिहार के प्रांत के एक राजवंश में करीब ढाई हज़ार वर्ष पूर्व हुआ था। भारत की सामाजिक और धार्मिक दुर्व्यवस्था को देखकर इनके ह्रदय में अपार दुःख होता था।
“Sanjaya said, ‘Then, O lord, thy troops, with Shalya at their head, oncemore rushed against the Parthas in that battle with great impetuosity.