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एक किसान के पास एक गाय और एक घोड़ा था| वे दोनों एक साथ जंगल में चरते थे| किसान के पड़ोस में एक धोबी रहता था| धोबी के पास एक गधा और एक बकरी थी| धोबी भी उन्हें उसी जंगल में चरने को छोड़ देता था| एक साथ चरने से चारों पशुओं में मित्रता हो गयी| वे साथ ही जंगल में आते और शाम को एक साथ जंगल से चले जाते थे|

अभिमन्यु अर्जुन का पुत्र था| श्रीकृष्ण की बहन सुभद्रा इनकी माता थी| यह बालक बड़ा होनहार था| अपने पिता के-से सारे गुण इसमें विद्यमान थे| स्वभाव का बड़ा क्रोधी था और डरना तो किसी से इसने जाना ही नहीं था| इसी निर्भयता और क्रोधी स्वभाव के कारण इसका नाम अभि (निर्भय) मन्यु (क्रोधी) ‘अभिमन्यु’ पड़ा था|

“Dhritarashtra said, ‘My heart, O Sanjaya, is agitated with differentemotions, viz., shame and gratification, upon hearing that Subhadra’s sonsingly held in cheek the whole army of my son. O son of Gavalgana, ten meeverything once more in detail about the encounter of youthful Abhimanyu,which seems to have been pretty like Skanda’s encounter with the Asurahost.’