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किसी जंगल में एक शेर और एक चिता रहता था| वैसे तो शेर बहुत बलवान होता है; किंतु वह शेर बूढ़ा हो गया था| उससे दौड़ा कम जाता था| चिता मोटा और बलवान था| इतने पर भी चिता बूढ़े शेर से डरता था और उससे मित्रता रखता था; क्योंकि बूढ़ा होने पर भी शेर चीते से तो कुछ अधिक बलवान था ही|

जीरे के बिना मसालों का कोई महत्त्व नहीं है| जीरे की खुशबू और स्वाद दोनों मनभावन हैं| इस दृष्टि से जीरा पाचक, शीतल, मधुर, वात-पित्त नाशक, गरमी को शान्त करने वाला, दाह को मिटाने वाला तथा पुत्रदायक है|

यह भोजन का स्वाद मुखर करती है, अग्नि को उत्तेजित करती है तथा दाहजनक होती है| स्वरभंग, अजीर्ण एवं अरुचि को दूर करने में समक्ष है| पाचक होती है और चर्म रोग में लाभ करती है, किन्तु इसका अधिक प्रयोग पेट में अल्सर पैदा कर सकता है| साथ ही अमाशय में गर्मी उत्पन्न करती है, फिर भी विभिन्न रोगों में अत्यन्त लाभकारी है|