Home2011 (Page 462)

लक्ष्मीनारायण बहुत भोला लड़का था| वह प्रतिदिन रात में सोने से पहले अपनी दादी से कहानी सुनाने को कहता था| दादी उसे नागलोक, पाताल, गन्धर्वलोक, चन्द्रलोक, सूर्यलोक आदि की कहानियाँ सुनाया करती थी|

भगवान श्रीराम जब समुद्र पार कर लंका जाने के लिए समुद्र पर पुल बांधने में सलंग्न हुए, तब उन्होंने समस्त वानरों को संकेत दिया कि, ‘वानरो ! तुम पर्वतों से पर्वत खण्ड लाओ जिससे पुल का कार्य पूर्ण हो जाए|’ आज्ञा पाकर वानर दल भिन्न-भिन्न पर्वतों पर खण्ड लाने के लिए दौड़ पड़े और अनेक पर्वतों से बड़े-बड़े विशाल पर्वत खण्डों को लाने लगे| नल और नील जो इस दल में शिल्पकार थे, उन्होंने कार्य प्रारंभ कर दिया|