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ब्राह्मण वेशधारी विश्वामित्र एक बूढ़ी औरत के पास उसकी देखभाल करने के लिए शैव्या और रोहिताश्व को छोड़कर वापस विश्वामित्र के रूप में राजा हरिश्चंद्र के पास आए|

एक गांव में करैलची नाम का एक किसान रहता था | उसकी आमदनी इतनी अच्छी थी कि अपनी पत्नी और बेटी का पेट आसानी से पाल सके | करैलची ने अपनी बेटी किराली को बहुत लाड़-प्यार से पाला था | किराली अपने पिता को बहुत प्यार करती थी |

एक पंडित काशी से पढकर आये| ब्याह हुआ, स्त्री आयी| कई दिन हो गये| एक दिन स्त्री ने प्रश्न पूछा कि ‘पंडित जी महाराज! यह बताओ कि पापका बाप कौन है?’ पंडित जी पोथी देखते रहे, पर पता नहीं लगा, उत्तर नहीं दे सके| अब बड़ी शर्म आयी कि स्त्री पूछती है पापका बाप कौन है? हमने पढ़ाई की, पर पता नहीं लगा| वे वापस काशी जाने लगे| मार्ग में ही एक वैश्या रहती थी|