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सूर्य के वर से सुवर्ण के बने हुए सुमेरु में केसरी का राज्य था। उसकी अति सुंदरी अंजना नामक स्त्री थी। एक बार अंजना ने शुचिस्नान करके सुंदर वस्त्राभूषण धारण किए। उस समय पवनदेव ने उसके कर्णरन्ध्र में प्रवेश कर आते समय आश्वासन दिया कि तेरे यहाँ सूर्य, अग्नि एवं सुवर्ण के समान तेजस्वी, वेद-वेदांगों का मर्मज्ञ, विश्वन्द्य महाबली पुत्र होगा। और ऐसा ही हुआ भी।

एक बार की बात है| स्वामी रामतीर्थ संयुक्त राज्य अमेरिका गये| बंदरगाह निकट आ रहा था| हर एक व्यक्ति अपना सामान एकत्रित करने लगा| लेकिन स्वामी रामतीर्थ उसी प्रकार बैठे रहे| जबकि दूसरे व्यक्ति अपना सामान इकट्ठा कर रहे थे, और इधर से उधर भाग रहे थे|

बहुत समय पहले गंगा नदी के तट पर एक आश्रम में अनेक ऋषि-मुनि रहते थे| उनके गुरु बड़े ही विद्वान और सिद्ध पुरुष थे| वे अपनी शक्ति से तरह-तरह के आश्चर्यजनक चमत्कार कर सकते थे|