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यह देर से पचता है, किन्तु फिर भी पेट के विकारों में अत्यन्त लाभदायक है| इसमें लौह तत्व अधिक होते हैं, अत: नये रक्त की रचना भी इससे सहज ही हो जाती है| यह दुर्बल शरीर वालों को शक्ति प्रदान करता है| इसे शाक के रूप में ही अधिक प्रयोग जाता है|