Chapter 63
Sanjaya said, “When that elephant division was exterminated, thy sonDuryodhana urged his entire army, commanding the warriors to slayBhimasena.
Sanjaya said, “When that elephant division was exterminated, thy sonDuryodhana urged his entire army, commanding the warriors to slayBhimasena.
“Dhritarashtra said, ‘Santanu duly ruled this Earth. Similarly,Vichitraviryya also, protected by Bhishma, ruled you. Without doubt, allthis is known to you. It is also known to you how Pandu, my brother, wasdear to me as also to you.
“Sauti said, ‘Then that bird of great strength and energy and capable ofgoing at will to every place repaired to his mother’s side on the othershore of the great ocean.
यादवों के राज्य में लगभग इसी समय एक नन्हे बालक ने कारागृह में जन्म लिया| बालक के पिता वासुदेव और माता देवकी यादवों के राजा और रानी थे| कंस देवकी का भाई था| एक भविष्यवाणी के अनुसार कि देवकी की आठवी संतान कंस की मृत्यु का कारण बनेगी, कंस इससे बहुत भयभीत हो गया| और वासुदेव को कारागृह में डलवा दिया|
भगवान् शंकर की भक्ति से मनुष्य में इतनी सामर्थ्य आ जाती है कि वह देवों को भी अभिभूत कर सकता है| विप्र दधीच भगवान् शंकर के उत्तम भक्त थे| वे भस्म धारण करते थे और सदा भगवान शंकर का स्मरण किया करते थे| राजा क्षुप इनके मित्र थे| ये क्षुप कोई साधारण राजा नही थे| असुरों के युद्ध में इनसे इंद्र सहायता लेते रहते थे|
“Sanjaya said, ‘Beholding the grandsire, viz., the venerable Bhishma,that destroyer of all the
वे सवेरे-सवेरे टहल कर लौटे तो कुटिया के बाहर एक दीन-हीन व्यक्ति को पड़ा पाया| उसके शरीर से मवाद बह रहा था| वह कुष्ठ रोग से पीड़ित था|
1 [व]
ततॊ राजा धृतराष्ट्रॊ मनीषी; संपूज्य वाक्यं विदुरेरितं तत
सनत्सुजातं रहिते महात्मा; पप्रच्छ बुद्धिं परमां बुभूषन