अध्याय 9
1 [य]
कथम इन्द्रेण राजेन्द्र सभार्येण महात्मना
दुःखं पराप्तं परं घॊरम एतद इच्छामि वेदितुम
Yudhishthira said, “There is no limit to calamities. Nor is it possibleto ascertain either their final or efficient cause. It is the Lord ofjustice alone who distributeth the fruits of both virtue and vice.
डच साम्राज्य ने इंडोनेशिया पर हमला करके उसे अपने साम्राज्य में मिलाने की सोची। वहीं दूसरी ओर इंडोनेशिया के नवयुवकों ने भी तय कर लिया था कि मर मिटेंगे, लेकिन डचों को देश में नहीं आने देंगे। सेना में युवकों की भर्ती होने लगी। एक गुरिल्ला दल बना। दल की पहली टुकड़ी के लिए युवकों का चयन होने लगा।
Yudhishthira said,–‘I bid farewell unto all the Bharatas, unto my oldgrand-sire (Bhishma), king Somadatta, the great king Vahlika, Drona,Kripa, all the other kings, Aswathaman, Vidura, Dhritarashtra, all thesons of Dhritarashtra, Yayutsu, Sanjaya, and all the courtiers, I bidfare well, all of ye and returning again I shall see you.”
भगवान श्रीकृष्ण हिन्दू धर्म में विष्णु के आठवें अवतार हैं। मान्यता है कि भक्ति-भाव से भगवान कृष्ण की पूजा करने से सफलता, सुख और शांति की प्राप्ति होती है। कृष्ण जी को मक्खन बहुत पसंद होता है। साथ ही कृष्ण जी की पूजा में उनकी चालीसा को भी बेहद महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
“Sanjaya said, ‘Kripa, O king, resisted Dhrishtadyumna in battle, like aSarabha in the forest resisting a proud lion.
1 [भरद्वाज]
पार्थिवं धातुम आश्रित्य शारीरॊ ऽगनिः कथं भवेत
अवकाश विशेषेण कथं वर्तयते ऽनिलः