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अगस्त्य मुनि ने आगे कहा, “एक दिन हिमालय प्रदेश में भ्रमण करते हुये रावण ने अमित तेजस्वी ब्रह्मर्षि कुशध्वज की कन्या वेदवती को तपस्या करते देखा। उस देखकर वह मुग्ध हो गया और उसके पास आकर उसका परिचय तथा अविवाहित रहने का कारण पूछा।

हमारे देश में गोभी तीन प्रकार का मिलता है – पत्ता गोभी, गांठ गोभी और फूल गोभी| किन्तु फूल गोभी का सेवन ही यहां अधिक मात्रा में किया जाता है| इसकी प्रकृति ठंडी है| यह रक्त-संचार को बढ़ाने के साथ-साथ वायु की भी वृद्धि करता है|

कछुए का एक राजा था| उसे राजा बृहस्पति के विवाह का निमंत्रण मिला| वह आलसी था, फलतः घर पर ही रह गया| विवाह के उत्सव में सम्मिलित नहीं हुआ| बृहस्पति नाराज हो गए| उन्होंने कछुए की पीठ पर अपना घर ढोने का शाप दे दिया|