स्वार्थ त्याग
बहुत पुरानी बात है| उन दिनों इंग्लैंड और स्पेन के मध्य लड़ाई चल रही थी| लड़ाई के मोर्चे पर अंग्रेजों का एक वीर योद्धा सर किल्पि सिडनी घायल होकर गिर गया|
बहुत पुरानी बात है| उन दिनों इंग्लैंड और स्पेन के मध्य लड़ाई चल रही थी| लड़ाई के मोर्चे पर अंग्रेजों का एक वीर योद्धा सर किल्पि सिडनी घायल होकर गिर गया|
Vaisampayana continued,–“Commanded by the Lord of justice to thus spendin disguise the thirteenth year of non-discovery, the high-souled
उस समय की बात है, जब विख्यात बांग्ला लेखक शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने लेखन की शुरुआत ही की थी। उन दिनो कई बार तो उनकी रचनाएं पत्र-पत्रिकाओं से लौटा दी जाती थीं और प्रकाशित होने पर भी उन्हें दूसरे लेखकों की तुलना में कम पारिश्रमिक मिलता था। इसी संकोच के कारण कई बार तो वह कहानी लिख कर भी छपने के लिए कहीं नहीं भेजते थे।
Janamejaya said,–“How did the sons of Dhritarashtra feel, when they cameto know that the Pandavas had, with Dhritarashtra’s leave, leftHastinapore with all their wealth and jewels?”
Vaisampayana said,–‘O monarch, it was then that the virtuous Gandhari,afflicted with grief on account of her affection for her sons, addressedking Dhritarashtra and said, “When Duryodhana was born, Vidura of greatintelligence had said,
“Dhritarashtra said, ‘I have heard from thee, O Sanjaya, of many poignantand unbearable griefs as also of the losses sustained by my sons.