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हर्र के नाम से सभी परिचित हैं| इसे हरड़ भी कहते हैं| इसमें इतने गुण हैं कि हमारे पूर्वजों और वैद्यों ने इसके अनेक नाम रख दिए हैं, जैसे – विजया, रोहिणी, जीवन्ती, कल्याणी, पूतना, हरीतिकी आदि|

गांधीजी का जन्म-दिन सादगी के साथ मनाया जाता था| एक बार सेवाग्राम में जब उनका जन्म-दिन मनाया गया तो आश्रम के भाई-बहनों के अलावा इधर-उधर के भी काफी लोग जमा हो गए|

त्रिपुरा के जंगलो में एक शुकरी रहती थी| अपने बच्चो के साथ, शुकरी खुशी-खुशी दिन बिता रही थी| एक दिन जंगल में अपने बच्चों के लिए भोजन ढूढ़ते हुए, उसने एक बाघ के बच्चे के रोते हुए देखा|