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एक बार ढोलकवादक रमैया और उसका पुत्र कानू कांचिपुरि एक विवाह समारोह में गए| समारोह समाप्त होने पर दोनों को खूब धन आभूषण पुरस्कार स्वरुप मिले| वे खुशी-खुशी अपने घर की ओर लौट चले|

पहले कांचीपुर में चोल नाम के चक्रवर्ती राजा हो गये हैं| राजा चोल के राज्य में कोई भी मनुष्य दरिद्र, दुःखी, पापी तथा रोगी नहीं था|

यासिन मुहम्मद एक छोटे-से गांव में चाय की दुकान चलाता था। वह महत्वाकांक्षी व कर्मठ व्यक्ति था। रात-दिन दुकान पर लगा रहता। जल्दी ही उसने कुछ पैसे जमा कर लिए। एक दिन उसकी दुकान पर ग्राम विकास के निदेशक अख्तर हमीद खां आए।