Chapter 56
Vaisampayana said,–“King Dhritarashtra, ascertaining the inclinations ofhis son and knowing that Fate is inevitable, did what I have said.
Vaisampayana said,–“King Dhritarashtra, ascertaining the inclinations ofhis son and knowing that Fate is inevitable, did what I have said.
घृत कुमारी या अलो वेरा/एलोवेरा, जिसे क्वारगंदल, या ग्वारपाठा के नाम से भी जाना जाता है, एक औषधीय पौधे के रूप में विख्यात है। ग्वारपाठा पेट की बीमारियों के लिये और जोड़ों के दर्द के लिये बहुत फायदेमन्द है| एलोवेरा की लगभग 200 जातियां होती हैं। इनमें से सिर्फ पहली 5 ही मानव शरीर के लिए उपयोगी होती हैं। तो आज इसके गुणों के बारे में बात करते हैं।
1 [स]
हस्तिभिस तु महामात्रास तव पुत्रेण चॊदिताः
धृष्टद्युम्नं जिघांसन्तः करुद्धाः पार्षतम अभ्ययुः
“Sanjaya said, ‘Beholding then that unrivalled array of the Parthas madeby Dhrishtadyumna which was capable of resisting all hostile armies,Karna proceeded, uttering leonine shouts and causing his car to produce aloud rattle.
पुराने जमाने की बात है| अरब के लोगों में हातिमताई अपनी उदारता के लिए दूर-दूर तक मशहूर था| वह सबको खुले हाथों दान देता था| सब उसकी तारीफ करते थे|
“Yudhishthira said, ‘It behoveth, O king to tell me truly which of thetwo viz., man or woman derives the greater pleasure from an act of unionwith each other. Kindly resolve my doubt in this respect.”