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बसंतपुर में बढ़इयों का एक मुहल्ला था| बढ़ई रोज नावों से नदी पार करके जंगल में जाते और अपने काम के लिए लकड़ी काटकर लाते थे| उसी गाँव में दो मित्र मोहन और रामू रहा करते थे| गाँव से जंगल और जंगल से गाँव आना-जाना उनका नियम था| काम की कमी न थी|

काली जी का जन्म राक्षसों के विनाश के लिए हुआ था| कलि माता जी को माता जगदम्बे, अदि शक्ति का रूप माना जाता है और इनकी आराधना से सभी दुःख दूर हो जाते है| काली माता जी को बल और शक्ति की देवी माना जाता है|

सुकरात को जहर दिए जाने के एक दिन पहले उनके मित्र व शिष्य उनसे मिलने पहुंचे। उनके शिष्य क्रेटो ने कहा कि हम आपको यहां से भगाने आए हैं। पर सुकरात किसी कीमत पर भी भागने को तैयार नहीं हुए।