अध्याय 209
1 [गुरु]
निष्कल्मषं बरह्मचर्यम इच्छता चरितुं सदा
निद्रा सर्वात्मना तयाज्या सवप्नदॊषान अवेक्षता
1 [गुरु]
निष्कल्मषं बरह्मचर्यम इच्छता चरितुं सदा
निद्रा सर्वात्मना तयाज्या सवप्नदॊषान अवेक्षता
“Yudhishthira said, ‘O royal son of Bharata’s race, it behoveth thee toanswer this question of mine truly and in detail. What are thosecircumstances under which a person may become guilty of Brahmanicidewithout actually slaying a Brahmana!’
आम फलों का राजा यूं ही नहीं कहलाता है। ये भारत का राष्ट्रीय फल है। आम के जितने भी फायदे गिनाए जाए कम है। यहां पर आम के कुछ महत्वपूर्ण लाभ के बारे में बताने जा रहे हैं।
कौशल नरेश मल्लिक न्यायप्रिय और शक्तिशाली राजा था| लेकिन उसे अपनी योग्यता पर बिल्कुल भी भरोसा नही था| वह सोचता, ‘लोग उसे अच्छा कहते है, क्या मैं सचमुच ही अच्छा हूँ?’
“Narada said, ‘Without doubt, O Salmali, the terrible and irresistiblegod of the wind always protects thee from friendliness or amity.
पाया है किछु पाया है
मेरे सतिगुरु अलख लखाया है| टेक|
पश्चिम भारत के एक छोटे-से राज्य में, धर्मराज नामक एक बुद्धिमान और न्यायप्रिय राजा रहता था| उसकी प्रजा के मन में उसके लिए बहुत श्रद्धा और अदार था|
1 धृतराष्ट्र उवाच
परतिज्ञाते तु भीष्मेण तस्मिन युद्धे सुदारुणे
करॊधितॊ मम पुत्रेण दुःखितेन विशेषतः
दो चींटियां आपस में बातें कर रही थीं। एक ने कहा- बस मुझे एक ही कष्ट है कि मेरा मुंह हर समय खारा ही रहता है। यह सुन दूसरी चींटी ने उसे मीठा पदार्थ खाने को दिया, लेकिन फिर भी उसका कष्ट दूर नहीं हुआ।
“Vyasa said,–‘Asses are taking births in kine. Some are having sexualpleasure with mothers. The trees in the forests are exhibitingunseasonable flowers and fruits.