शाम सुबह बस एक ही नाम
शाम सुबह बस एक ही नाम
“Dhritarashtra said, ‘When Bhima and Pandu’s son Yudhishthira wereengaged in battle, when my troops were being slaughtered by the Pandusand the Srinjayas, when, indeed, my vast army being broken and routedrepeatedly became cheerless, tell me, O Sanjaya, what the Kauravas did.’
महाराष्ट्र में एक बहुत बड़े संत हुए हैं| उनका नाम था एकनाथ| वह सबसे प्रेम करते थे| कभी गुस्सा नहीं होते थे| एक दिन वह पूजा कर रहे थे कि एक आदमी उनकी गोद में आ बैठा| एकनाथ से प्रसन्न होकर कहा – “वाह! तुम्हारे प्रेम से मुझे बहुत ही आनंद मिला है|”
यह घटना मुगलकाल की है| एक बार मुगल बादशाह शाहजहाँ की बेटी सख्त बीमार हुई| राजदरबार के वैधों और हकीमों का सब तरह का इलाज कराया गया, परंतु शहज़ादी सब तरह की चिकित्सा के बावजूद भी ठीक नहीं हुई|
“Vaisampayana said,–‘Equal unto Vrihaspati in intelligence and Brahmahimself in forgiveness, resembling Sakra in prowess and Surya in energy,Bhishma the son of Ganga, of infinite might, had been overthrown inbattle by Arjuna.