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महाभारत का प्रसंग है| जुए में हारने के बाद पाँच पांडव बारह वर्ष के वनवास के दिन वनों एवं पर्वतों में व्यतीत कर रहे थे| एक समय वे द्वैतवन के समीप ब्रहामणों के साथ निवास कर रहे थे कि शकुनि और कर्ण ने दुर्योधन को सलाह दी की हमारा विचार है कि तुम खूब ठाट-बाट से द्वैतवन को चलो और अपने वैभव और ऐश्वर्य से पांडवों को चमत्कृत कर दो|