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एक बड़ी झील के किनारे एक बाज़ रहता था| कुछ समय बाद एक मादा बाज़ भी दूसरे पेड़ पर आकर रहने लगी| बाज़ ने मादा बाज़ से शादी का निवेदन किया तो उसने कहा कि पहले कुछ मित्र तो बनाओ| क्योंकि जब कभी मुसीबत आती है तो मित्रों का बहुत सहारा होता है|

एक ‘चक्ववेण’ नाम के राजा थे| वे बड़े धर्मात्मा थे| राजा और रानी दोनों खेती करते थे और खेती से जितना उपार्जन हो जाय, उससे अपना निर्वाह करते थे| राज्य के धन को वे अपने काम में नहीं लेते थे|

किसी कुएं में गंगादत्त नाम का मेंढ़क रहता था| एक बार वह अपने दामादों से बड़ा परेशान था| यहां तक कि एक दिन इसके कारण उसे पने घर से बेघर होना पड़ा पर घर छोड़ने के पश्चात् उसने सोचा कि अब मैं इससे कैसे बदला लूं|