Chapter 35
Janamejaya said, “On the eve of the great battle (between the Kurus andthe Pandus), the lord Rama, with Keshava’s leave, had gone away (fromDwaraka) accompanied by many of the Vrishnis.
Janamejaya said, “On the eve of the great battle (between the Kurus andthe Pandus), the lord Rama, with Keshava’s leave, had gone away (fromDwaraka) accompanied by many of the Vrishnis.
“Yudhishthira said, ‘What should be the characteristics, O grandsire, ofthe legislators, the ministers of war, the courtiers, the generalissimos,and the counsellors of a king!’
एक बार की बात है एक विद्यालय में एक भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया| प्रतियोगिता का विषय था- “हम प्राणियों की सेवा कैसे कर सकते हैं?” विद्यालय में प्रतियोगिता शुरु हो गई|
एक बार की बात है तीन नवयुवक एक शहर में रहते थे| तीनों बड़े गहरे मित्र थे| उनमें से एक राजकुमार था, राजा का सबसे छोटा बेटा| दूसरा राजा के मन्त्री का पुत्र था और तीसरा था एक धनी व्यापारी का लड़का|
1 [पराषर]
मनॊरथरथं पराप्य इन्द्रियार्थ हयं नरः
रश्मिभिर जञानसंभूतैर यॊ गच्छति स बुद्धिमान
1 [वै]
बरह्मयॊनिभिर आकीर्णं जगाम यदुनन्दनः
यत्र दाल्भ्यॊ बकॊ राजन पश्वर्थसुमहा तपाः
जुहाव धृतराष्ट्रस्य राष्ट्रं वैचित्रवीर्यिणः
चोट लगने और खून बहने पर इस बात की तत्काल व्यवस्था करनी चाहिए कि खून अधिक मात्रा में न बहने पाए| इसके लिए तुरंत खून रोकने का उपाय करना चाहिए| साथ ही विषक्रमण न होने पाए, इसका भी ध्यान रखना चाहिए|
“Yudhishthira said, ‘How, O Bharata, should a learned man adorned withmodesty behave, O chastiser of foes, when assailed with harsh speeches inthe midst of assemblies by an ignorant person swelling with conceit?'[346]
“Bhishma said, ‘That subjugator of hostile cities, Sikhandin, the son ofthe king of the Panchalas, is, O king, in my judgment, one of theforemost of Yudhishthira’s Rathas.