आदत
एक बार राजा भोज अपने मंत्री के साथ घूमने निकले हुए थे| एक जगह उन्होंने देखा कि एक किसान ऊबड-खाबड़ जमीन पर गहरी नींद में सोया हुआ है|
एक बार राजा भोज अपने मंत्री के साथ घूमने निकले हुए थे| एक जगह उन्होंने देखा कि एक किसान ऊबड-खाबड़ जमीन पर गहरी नींद में सोया हुआ है|
एक राजकुमार था| उसके पाँच-सात मित्र घोड़ों पर घूम रहे थे| वहाँ बहुत-सी गूजर-स्त्रियाँ दूध, छाछ, दही आदि की बिक्री करने को जा रहीं थीं|
“Sanjaya said, ‘Beholding the fallen boxes of cars, as also the cars ofhigh-souled warriors, and the elephants and foot-soldiers, O sire, slainin battle,
एक बार नंदकिशोर ने सनतकुमारों से कहा कि चौथ की चंद्रमा के दर्शन करने से श्रीकृष्ण पर जो लांछन लगा था, वह सिद्धि विनायक व्रत करने से ही दूर हुआ था। ऐसा सुनकर सनतकुमारों को आश्चर्य हुआ।
दक्षिण के किसी जनपद में महिलारोप्य नाम का एक नगर था| उस नर से कुछ दूरी पर एक बहुत बड़ा वटवृक्ष था, जिसके फल खाकर सभी पक्षी अपना पेट भरते थे और जिसके कोटरों में अनेक प्रकार के कीट निवास किया करते थे, जिसकी शीतल छाया में दूर-दूर से आने वाले पथिक विश्राम किया करते थे|
1 [ज]
कथम आर्ष्टिषेणॊ भगवान विपुलं तप्तवांस तपः
सिन्धुद्वीपः कथं चापि बराह्मण्यं लब्धवांस तदा
“Yudhishthira said, ‘I have heard the discourse regarding the ordinanceabout the gift of food. Do thou discourse to me now about the conjunctionof the planets and the stars in relation to the subject of makinggifts.[334]
“Yudhishthira said, ‘O grandsire, O thou that art possessed of greatwisdom, I have one great doubt that perplexes me.
1 [सथाणु]
परजा सर्ग निमित्तं मे कार्यवत्ताम इमां परभॊ
विद्धि सृष्टास तवया हीमा मा कुप्यासां पितामह