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“Sanjaya said, ‘During the progress, O monarch, of that battle, makingthe hair stand on end, and when all the combatants were filled withanxiety and greatly afflicted, the son of Radha. O bull of Bharata’srace, proceeded against Bhima for battle, like an infuriated elephant inthe forest proceeding against another infuriated elephant.’

यह व्रत प्रायः कार्तिक बदी अष्टमी को उसी वार को किया जाता है| जिस वार की दीपावली होती है| इस दिन स्त्रियों की आरोग्यता और दीर्घायु प्राप्ति के लिए अहोई माता का चित्र दिवार पर माँड कर पूजन किया जाता है|

एक बार की बात है एक जिज्ञासु साधक सच्चे आनंद की तलाश में एक महात्मा के पास गया| महात्मा जी से उसने बहुत आग्रह से प्रार्थना की कि वह सच्चे आनंद पर प्रकाश डालें| "सच्चा आनन्द" सुनने के लिए Play Button क्लिक करें | Listen Audio Your

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प्राचीन समय में राजा सुरथ नाम के राजा थे, राजा प्रजा की रक्षा में उदासीन रहने लगे थे, परिणाम स्वरूप पडौसी राजा ने उस पर चढाई कर दी, सुरथ की सेना भी शत्रु से मिल गयी थी, परिणामस्वरूप राजा सुरथ की हार हुयी, और वह जान बचाकर जंगल की तरफ़ भागा।