पूजां कंजकां मैं लौंकड़ा मनावां
पूजां कंजकां मैं लौंकड़ा मनावां
माई मैंनूं लाल बख्स दे
“Sanjaya said, ‘Meanwhile ninety Kaurava car-warriors rushed for battleagainst the ape-bannered Arjuna who was advancing, borne by his steeds ofexceeding fleetness.
कश्मीर के राजा रामनाथ की लड़की के महल में एक राक्षस रोजाना ही आकर उसे तंग किया करता था| लड़की उस राक्षस से बहुत दु:खी थी किन्तु उस राक्षस से पीछा छुड़ाने का कोई रास्ता उसकी समझ में नहीं आ रहा था|
“Yudhishthira said, ‘If a person, after having given dowry for a maiden,goes away, how should the maiden’s father or other kinsmen who arecompetent to bestow her, act? Do tell me this, O grandsire!’
1 [भी]
इत्य उक्तॊ ऽभिप्रशस्यैतत परमर्षेस तु शासनम
मॊक्षधर्मार्थसंयुक्तम इदं परस्तुं परचक्रमे
“Bhishma said, ‘In this connection, persons acquainted with thescriptures declare this text in respect of duty, viz., for a Kshatriyapossessed of intelligence and knowledge, (the earning of) religious meritand (the acquisition of) wealth, constitute his obvious duties.
एक अमीर आदमी विभिन्न मंदिरों में जनकल्याणकारी कार्यो के लिए धन देता था। विभिन्न उत्सवों व त्योहारों पर भी वह दिल खोलकर खर्च करता। शहर के लगभग सभी मंदिर उसके दिए दान से उपकृत थे। इसीलिए लोग उसे काफी इज्जत देते थे।
1 शरीभगवान उवाच
परं भूयः परवक्ष्यामि जञानानां जञानम उत्तमम
यज जञात्वा मुनयः सर्वे परां सिद्धिम इतॊ गताः