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कई वर्ष पहले, एक घने जंगल में चार चोर रहते थे| चुराया हुआ धन वे एक साधारण से बर्तन में रखते थे लेकिन उसकी हिफाजत जान से भी ज्यादा करते थे| कुछ अरसे बाद उनका मन चोरी-चकारी से उब गया|

सड़क पर चलते हुए एक पथिक की भेंट पास के गांव में रहने वाले एक आदमी से हुई। पथिक ने विस्तृत क्षेत्र की ओर संकेत करते हुए उससे पूछा- यह वही युद्धक्षेत्र है न, जहां सम्राट आलम अपने शत्रुओं पर विजयी हुआ था? उस आदमी ने उत्तर दिया- नहीं, यह कभी युद्धक्षेत्र नहीं रहा। यहां पर तो जाद नाम का एक बड़ा शहर था, जो जलाकर खाक कर दिया गया। इसीलिए अब यह बड़ी उपजाऊ भूमि है। पथिक आगे बढ़ गया।

वाली और सुग्रीव दोनों सगे भाई थे| दोनों भाइयोंमें बड़ा प्रेम था| वाली बड़ा था, इसलिये वही वानरोंका राजा था| एक बार एक राक्षस रात्रिमें किष्किन्धामें आकर वालीको युद्धके लिये चुनौती देते हुए घोर गर्जना करने लगा|

ज़माना अगर छोड़ दे बेसहारा मुझे फ़िक्र क्या मेरे बाबा को है-2
हर इक जन अगर कर भी लेगा किनारा मुझे फ़िक्र क्या मेरे बाबा को है

घर में मसालदान में अजवायन का महत्त्वपूर्ण स्थान है| इसका प्रयोग साग-सब्जी, परांठे, काढ़ा आदि में होता रहता है| इसके गुणों के कारण विद्वानों ने इसे कल्याणकारी माना है| अजवायन रोगियों का तो कल्याण करती ही है – स्वस्थ व्यक्तिओं के लिए भी यह परम हितकारी है|