Home2011September (Page 41)

है ये पावन शिरडी यहाँ बार-बार आना
साँईनाथ के चरणों में आकर के झुकजाना
है ये पावन शिरडी यहाँ बार-बार आना

मुस्लिम संतों में एक बहुत बड़ी संत हुई हैं राबिया| उनमें ईश्वर-भक्ति कूट-कूटकर भरी थी, वे हर घड़ी प्रभु के चरणों में लौ लगाए रहती थीं| सबको उसी का बंदा मानकर उन्हें प्यार करती थीं और जी-जान से उनकी सेवा करती थीं|