Chapter 55
“Vaisampayana said, ‘After the son of Radha had fled from the field,other warriors headed by Duryodhana, one after another, fell upon the sonof Pandu with their respective divisions.
“Vaisampayana said, ‘After the son of Radha had fled from the field,other warriors headed by Duryodhana, one after another, fell upon the sonof Pandu with their respective divisions.
सतपुड़ा के वन प्रांत में अनेक प्रकार के वृक्ष में दो वृक्ष सन्निकट थे। एक सरल-सीधा चंदन का वृक्ष था दूसरा टेढ़ा-मेढ़ा पलाश का वृक्ष था। पलाश पर फूल थे। उसकी शोभा से वन भी शोभित था। चंदन का स्वभाव अपनी आकृति के अनुसार सरल तथा पलाश का स्वभाव अपनी आकृति के अनुसार वक्र और कुटिल था, पर थे दोनों पड़ोसी व मित्र। यद्यपि दोनों भिन्न स्वभाव के थे। परंतु दोनों का जन्म एक ही स्थान पर साथ ही हुआ था। अत: दोनों सखा थे।
विदर्भ देश में श्वेत नामक राजा राज्य करते थे| वे सतर्क होकर राज्य का संचालन करते थे| उनके राज्य में प्रजा सुखी थी| कुछ दिनों के बाद राजा के मन में वैराग्य हो आया| तब वे अपने भाई को राज्य सौंपकर वन में तपस्या करने चले गये|
“Duryodhana said,–‘He that is devoid of intellect but hath merely heardof many things, can scarcely understand the real import of thescriptures, like the spoon that hath no perception of the taste of thesoup it toucheth.
सुन लो साई बाबा, सुन लो साई बाबा, विनती हमारी
करलो भक्तों में गिनती हमारी
नित नित हर दिन हर पल हर दिन, दिल बसे तू साई, ……… दो बार
“Dhritarashtra said, ‘Tell me, O Sanjaya, how Karna, having caused agreat slaughter penetrated into the midst of the Pandava troops, andstruck and afflicted king Yudhishthira.
पुराने जमाने की बात है| एक आदमी चोरी के अपराध में पकड़ा गया| उसे राजा के सामने पेश किया गया| उन दिनों चोरों को फांसी की सजा दी जाती थी| अपराध सिद्ध हो जाने पर इस आदमी को भी फांसी की सजा मिली|