दुकानदार पर वह अच्छा प्रभाव नहीं छोड़ पाया
एक दुकानदार को नौकर की सख्त जरूरत थी। उसने अपने मिलने-जुलने वालों से कह रखा था कि कोई पढ़ा-लिखा, ईमानदार आदमी मिल जाए तो बताना, क्योंकि मैं अकेला हूं। जब कभी बाहर सामान लेने जाता हूं या किसी अन्य काम से यहां-वहां जाता हूं तो मुझे दुकान बंद ही करनी पड़ती है। कहते हैं ग्राहक और मौत का क्या ठिकाना? कब आए और लौट जाए।