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मेवाड़ के राजा समरसिंह की मृत्यु का समाचार जब मोहम्मद गौरी को मिला तो वह बहुत प्रसन्न हुआ। समरसिंह का कोई पुत्र नहीं था। अत: उस पर आक्रमण कर उसे अपने अधीन करना अत्यंत सरल था। गोरी ने अपने सेनापति को बुलाकर कहा- सेनापति कुतुबुद्दीन! इस समय मेवाड़ पर रानी राज्य कर रही हैं। तुम फौरन मेवाड़ पर चढ़ाई कर उसे अपने कब्जे में ले लो। कुतुबुद्दीन भी गोरी के इस विचार से पूर्णत: सहमत था। उसने मेवाड़ पर चढ़ाई कर दी।

“Sauti said, ‘O Brahmana, having heard these words from the god of fire,the Rakshasa assumed the form of a boar, and seizing the lady carried heraway with the speed of the wind–even of thought. Then the child ofBhrigu lying in her body enraged at such violence, dropped from hismother’s womb, for which he obtained the name of Chyavana.

युद्ध के तेरहवें दिन अर्जुन ने विचार किया कि वे द्रोण की सेना के भाग को पीछे हटाकर अपनी सेना के दूसरे भाग की ओर सहायता करने बढ़ेंगे क्योंकि उन्हें यह विश्वास था कि युधिष्ठिर अब पूर्ण रूप से सुरक्षित है|