अध्याय 111
1 [स]
तवात्मजांस तु पतितान दृष्ट्वा कर्णः परतापवान
करॊधेन महताविष्टॊ निर्विण्णॊ ऽभूत स जीवितात
1 [स]
तवात्मजांस तु पतितान दृष्ट्वा कर्णः परतापवान
करॊधेन महताविष्टॊ निर्विण्णॊ ऽभूत स जीवितात
इस रोग में धातु क्षीणता के कारण व्यक्ति जल्दी स्खलित हो जाता है| ऐसे रोगी का वीर्य पतला होता है| इसके शिश्न में बहुत कम उत्थान हो पाता है|
किसी देश में एक राजा राज करता था| वह बहुत ही अभिमानी था| वह अपने बराबर किसी को नहीं समझता था| कारण, उसका राज्य बड़ा विशाल था|