Chapter 90
Dhritarashtra said, “Beholding my sons, so many in number, O Sanjaya,slain by a single person, what did Bhishma and Drona and Kripa do inbattle?[432] Day after day, O Sanjaya, my sons are being slain.
Dhritarashtra said, “Beholding my sons, so many in number, O Sanjaya,slain by a single person, what did Bhishma and Drona and Kripa do inbattle?[432] Day after day, O Sanjaya, my sons are being slain.
मोटापा शरीर के लिए अभिशाप है| इससे मनुष्य की आकृति बेडौल हो जाती है| मोटापे से हृदय रोग, रक्तचाप, मधुमेह आदि पैदा हो सकते हैं| खान-पान, योगासन एवं व्यायाम द्वारा मोटापे पर काबू पाया जा सकता है|
“Vaisampayana said, ‘King Dhritarashtra had never beheld his own sons.Obtaining eye-sight through the grace of the Rishi, he beheld, for thefirst time, O perpetuator of Kuru’s race, those children of his that werevery like his own self.
‘Sauti said, ‘King Janamejaya having said so, his ministers expressedtheir approbation. And the monarch then expressed his determination toperform a snake-sacrifice.
इन्द्रके अंशसे उत्पन्न महावीर अर्जुन वीरता, स्फूर्ति, तेज एवं शस्त्र-संचालनमें अप्रतिम थे| पृथ्वीका भार हरण करने तथा अत्याचारियोंको दण्ड देनेके लिये साक्षात् भगवान् नर-नारायणने ही श्रीकृष्ण और अर्जुनके रूपमें अवतार लिया था| यद्यपि समस्त पाण्डव श्रीकृष्णके भक्त थे, किंतु अर्जुन तो भगवान् श्यामसुन्दरके अभिन्न सखा तथा उनके प्राण ही थे|
एक बार नारदजी एक पर्वत से गुजर रहे थे। अचानक उन्होंने देखा कि एक विशाल वटवृक्ष के नीचे एक तपस्वी तप कर रहा है। उनके दिव्य प्रभाव से वह जाग गया और उसने उन्हें प्रणाम करके पूछा कि उसे प्रभु के दर्शन कब होंगे।
Vaisampayana said, “While, O great king, Duryodhana was entering (thecity), the panegyrists eulogized the prince of unfailing prowess. Andothers also eulogized that mighty bowman and foremost of kings.
देखु फरीद जु थीआ दाड़ी होई भूर ||
अगहु नेड़ा आइआ पिछा रहिआ दूरि || १ ||
हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, श्री जगदम्बा जी को सबसे शक्तिशाली देवी माना गया है| श्री जगदम्बा जी, परमेश्वर ब्रह्मा (निर्माता) , विष्णु ( रक्षक ), और शिव ( विनाशक ) के संयुक्त ऊर्जा से उभरी है, राक्षस महिषासुर से युद्ध करने के लिए , कथा के अनुसार राक्षस महिषासुर को वरदान दिया गया था की वह और इंसान और भगवान द्वारा नहीं मारा जा सकता। यहां तक कि ब्रह्मा (निर्माता) , विष्णु ( रक्षक ), और शिव ( विनाशक ) ने भी उसे रोकने में नाकाम रहे ,इसलिए एक स्त्री ऊर्जा की उपस्थिति नरसंहार करने के लिए की गयी ,जिसने तीनो लोको में तहलका मचा दिया था-अर्थ , स्वर्ग और नीचे की दुनिया। श्री जगदम्बा जी को सभी देवताओं द्वारा विभिन्न हथियार उपहार में दिए गए थे। जिसमें से भाला और त्रिशूल सबसे आम तौर पर उसके चित्रों में दर्शाया गया है । वह सुदर्शन चक्र, तलवार , धनुष और तीर और अन्य हथियार पकड़े देखि गयी है। शाली देवी माना जाता है|