Home2011July (Page 36)

मैंने एक साल ही शांति से बिताया होगा कि एक बार फिर मेरे पाँव में खुजली होने लगी इसके बड़े सीधे माने थे कि मेरा दिल यात्रा पर जाने के लिए बेकरार होने लगा था| मैंने तैयारी की और एक दिन अपनी छठी यात्रा पर रवाना हो गया|

दूसरे महायुद्ध की बात है। एक जापानी सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गया था, काफी रक्त बह चुका था, ऐसा लग रहा था, वह कुछ ही क्षणों का मेहमान है। एक भारतीय सैनिक की मानवता जागी, शत्रु है तो क्या?

“Sauti said, ‘And Sringin then replied to his father, saying, ‘Whetherthis be an act of rashness, O father, or an improper act that I havedone, whether thou likest it or dislikest it, the words spoken by meshall never be in vain. O father, I tell thee (a curse) can never beotherwise. I have never spoken a lie even in jest.’