Home2011June (Page 34)

एक बार गौतम बुद्ध अपने शिष्यों के साथ किसी पर्वतीय स्थल पर ठहरे थे। शाम के समय वह अपने एक शिष्य के साथ भ्रमण के लिए निकले। दोनों प्रकृति के मोहक दृश्य का आनंद ले रहे थे। विशाल और मजबूत चट्टानों को देख शिष्य के भीतर उत्सुकता जागी। उसने पूछा, ‘इन चट्टानों पर तो किसी का शासन नहीं होगा क्योंकि ये अटल, अविचल और कठोर हैं।’ शिष्य की बात सुनकर बुद्ध बोले, ‘नहीं, इन शक्तिशाली चट्टानों पर भी किसी का शासन है।

देवमाता दिति के दोनों दैत्यपुत्रों को भगवान विष्णु ने मार दिया| वे अपने सौतेले पुत्र इन्द्र से नाराज थीं, क्योंकि| उन्ही के सुरक्षा के लिए उनके पुत्र मारे गए थे| गुस्से में उन्होंने एक ऐसे पुत्र को जन्म देने का निश्चय किया, जो देवराज इन्द्र को मार सके|

किसी समय केदार पर्वत पर शुभनय नाम के एक महामुनि रहते थे| वे सदैव मंदाकिनी के जल में स्नान करते थे| उन्होंने अपनी इंद्रियों को वश में कर लिया था और कठोर तपस्या करते रहने के कारण उनकी काया कृश (दुबली-पतली) हो गई थी|