बुद्धि-चातुर्य से मिला सम्मान
प्राचीन काल में रुद्र शर्मा नामक एक ब्राह्मण की दो पत्नियां थीं| दुर्भाग्य से बच्चे को जन्म देते समय बड़ी पत्नी की मृत्यु हो गई, किंतु उससे उत्पन्न पुत्र बच गया, जिसका पालन-पोषण रुद्र शर्मा की छोटी पत्नी करने लगी|
प्राचीन काल में रुद्र शर्मा नामक एक ब्राह्मण की दो पत्नियां थीं| दुर्भाग्य से बच्चे को जन्म देते समय बड़ी पत्नी की मृत्यु हो गई, किंतु उससे उत्पन्न पुत्र बच गया, जिसका पालन-पोषण रुद्र शर्मा की छोटी पत्नी करने लगी|
नैया पड़ी मंझधार्
नैया पड़ी मंझधार गुरु बिन कैसे लागे पार्॥
1 [र]
न निकृत्या न दम्भेन बरह्मन्न इच्छामि जीवितुम
नाधर्मयुक्तानीच्छेयम अर्थान सुमहतॊ ऽपय अहम
“Yudhishthira said, ‘All men that inhabit this earth are filled withdoubts in respect of the nature of righteousness.
1 [भस]
गुणैः समुदितं सम्यग इदं नः परथितं कुलम
अत्य अन्यान पृथिवीपालान पृथिव्याम अधिराज्यभाक
Sanjaya said, “While they were battling, the Sun set, O Bharata, aidthere came the dreadful hour of twilight and the battle could no longerbe seen.
“Janamejaya said, ‘I desire to hear from thee about the birth and life ofthe high-souled Bharata and of the origin of Sakuntala. And, O holy one,I also desire to hear all about Dushmanta–that lion among men–and howthe hero obtained Sakuntala. It behoveth thee, O knower of truth and thefirst of all intelligent men, to tell me everything.’
Vaisampayana said, “They then all saw king Dhritarashtra, O Janamejaya,and having seen him, enquired after his welfare, and were, in return,asked about their welfare.