Home2011May (Page 34)

अयोध्या का परित्याग करने के बाद राजा हरिश्चंद्र विचार करने लगे कि कहां जाएं, क्योंकि सारा राज्य तो उन्होंने दान में दिया है| तभी उन्हें काशी नगरी का स्मरण हो आया| उन्होंने सोचा कि ‘काशी नगरी तो भगवान शंकर की राजधानी है|

एक बार दो राज्यों के बीच युद्ध की तैयारियां चल रही थीं। दोनों के शासक एक प्रसिद्ध संत के भक्त थे। वे अपनी-अपनी विजय का आशीर्वाद मांगने के लिए अलग-अलग समय पर उनके पास पहुंचे। पहले शासक को आशीर्वाद देते हुए संत बोले, ‘तुम्हारी विजय निश्चित है।’