मन रे परसि हरिके चरण
मन रे परसि हरिके चरण।
खून की खराबी के कारण खुजली हो जाती है| यह रोग अधिक खतरनाक नहीं है| लेकिन यदि असावधानी बरती जाती है तो यह रोग जटिल बन जाता है| इसलिए रोगी को खाने-पीने के मामले में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए|
“Yudhishthira said, ‘This curiosity, O sire, is always dwelling in mymind. O grandsire of the Kurus, I desire to hear everything about it fromthee.
खजूरी इतनी बातूनी थी कि जहां कहीं उसे कोई बात करने वाले मिल जाए, वह उसे ढेर सारी बातें सुनाए बिना नहीं छोड़ती थी | गांव में उसकी ढेरों सहेलियां थीं | उसका जब कभी बातें करने का मन करता तो कभी किसी के घर चली जाती, तो कभी किसी के घर |
“Vaisampayana said, ‘The unfortunate Satyavati then became plunged ingrief on account of her son. And after performing with herdaughters-in-law the funeral rites of the deceased, consoled, as best shecould, her weeping daughters-in-law and Bhishma, that foremost of allwielders of weapons.