Home2011April (Page 32)

एक व्यापारी के पास दो टट्टू थे| वह उन पर सामान लादकर पहाड़ों पर बसे गाँवों में ले जाकर बेचा करता था| एक बार उनमें से एक टट्टू कुछ बीमार हो गया| व्यापारी को पता नहीं था कि उसका एक टट्टू बीमार है|

“Vaisampayana said, ‘O thou of Bharata’s race, beholding the sons ofDhritarashtra and Pandu accomplished in arms, Drona, O monarch, addressedking Dhritarashtra, in the presence of Kripa, Somadatta, Valhika, thewise son of Ganga (Bhishma), Vyasa, and Vidura, and said, ‘O best of Kurukings, thy children have completed their education.

महाराज युधिष्ठिर कौरवों को युद्ध में पराजित करके समस्त भूमण्डल के एकछत्र सम्राट हो गए थे| उन्होंने लगातार तीन अश्वमेध यज्ञ किए| उन्होंने इतना दान किया कि उनकी दानशीलता की ख्याति देश-देशांतर में फैल गई|

युवराज अंगद वालीके पुत्र थे| वाली इनसे सर्वाधिक प्रेम करता था| ये परम बुद्धिमान, अपने पिताके समान बलशाली तथा भगवान् श्रीरामके परम भक्त थे| अपने छोटे भाई सुग्रीवकी पत्नी और सर्वस्व हरण करनेके अपराधमें भगवान् श्रीरामके हाथों वालीकी मृत्यु हुई|