Home2010February

साईं बाबा की प्रसिद्धि अब बहुत दूर-दूर तक फैल गयी थी| शिरडी से बाहर दूर-दूर के लोग भी उनके चमत्कार के विषय में जानकर प्रभावित हुए बिना न रह सके| वह साईं बाबा के चमत्कारों के बारे में जानकर श्रद्धा से नतमस्तक हो उठते थे|

साईं बाबा जब दामोदर तथा कुछ अन्य शिष्यों को साथ लेकर तात्या के घर पहुंचे, तो तात्या बेहोशी में न जाने क्या-क्या बड़बड़ा रहा था| उसकी माँ  वाइजाबाई उसके सिरहाने बैठी उसका माथा सहला रही थी| तात्या बहुत कमजोर दिखाई पड़ रहा था|

एक समय साईं बाबा ने लगभग दो सप्ताह से खाना-पीना छोड़ दिया था| लोग उनसे कारण पूछते तो वह केवल अपनी दायें हाथ की तर्जनी अंगुली उठाकर अपनी बड़ी-बड़ी आँखें फैलाकर आकाश की ओर देखने लगते थे| लोग उनके इस संकेत का अर्थ समझने की कोशिश करते लेकिन इसका अर्थ उनकी समझ में नहीं आता था|