लव कुश के घर में अफरा-तफरी मची हुई है और अब करण उस हट्टे-कट्टे आदमी से लड़ने वाला है। आदमी: “चल आजा मैदान में देखते हैं कौन जीतता है? जीतूंगा तो मै ही। हा हा हा” बस इस आदमी के इतना कहते ही दोनों में लड़ाई शुरू हो जाता है। करण के सामने वह आदमी थोड़ी देर भी नहीं टिक पाता है और वो हार जाता है। कुश: “उस आदमी को तो समझ में ही नहीं आ रहा
यह कहानी है 19वीं शताब्दी की, जो कि करण नामक एक लड़के पर आधारित है। जो काफी होनहार और समझदार बालक है। उसकी मां का नाम भानुमति है जो की कढ़ाई बुनाई करके थोड़े पैसे कमा लिया करती थी। करण अभी हाल ही में 18 साल का हुआ था लेकिन उसे पहले से ही अपने घर की जिम्मेदारी मालूम थी। वह अपनी मां को इतना मेहनत करते हुए नहीं देख सकता था इसीलिए वह बहुत पहले