Homeतिलिस्मी कहानियाँ99 – लव – कुश | Luv – Kush | Tilismi Kahaniya | Moral Stories

99 – लव – कुश | Luv – Kush | Tilismi Kahaniya | Moral Stories

नैरेटर:- पिछले एपिसोड में आप ने देखा था कि करण और उसके दोस्त एक जादुई जंगल में पहुंचने के बाद वें सभी रात को कुटिया में आराम कर रहे थे‌। उसके बाद उन्हें बहुत ही अजीबो गरीब आवाज सुनाई देती है। जिसके बाद वें सभी बाहर जाकर देखते हैं कि वहां पर बहुत सारे जादुई फूल आ गए थे और उनमें से एक फूल ने कुश को निघल लिया था।

नैरेटर:- फूल के द्वारा कुश को निघलने के बाद सभी कुश को पुकारने लगते हैं। जिसके कारण शोर होने पर कुछ जादुई फूल करण और उसके सभी दोस्तों को घेर लेते हैं।

करण:- दोस्तों सभी अपना ध्यान रखना।

कमल:- हां दोस्तों जैसा कि आप सभी ने देखा कि यह जादुई फूल सीधा बिना किसी देरी के हमें निघल जाते हैं। इसीलिए हमें उनके मुंह पर वार करना होगा।

बुलबुल:- ठीक है कमल जी।

टॉबी:- शुक्र है कि हमने इन फूलों को तो खत्म कर दिया।

शुगर:- हां तुमने बिलकुल सही कहा।

करण:- परंतु कुश…….

बुलबुल:- हां करण जिस जादुई फूल ने कुश को निघला था। वह फूल कहां पर चला गया।

करण:- हमें उसे जल्दी ही ढूंढना होगा और कुश को बचाना होगा।

कमल:- हां करण हमें जल्दी ही कुछ करना होगा। हमारे पास ज्यादा समय नहीं है क्योंकि अभी कुश उस जादुई फूल के मुंह में ही होगा। उसने अभी कुश को चबाकर निघला नहीं होगा। यह फूल पहले इंसानों को थोड़ी देर अपने मुंह में रखते हैं उसके बाद उन्हें चबाकर धीरे-धीरे खा जाते हैं। इसलिए हमारे पास केवल थोड़ा ही समय है।

करण:- हां कमल जी आपने बिल्कुल सही कहा। दोस्तों हम सभी जल्दी से उस जादुई फूल को ढूंढने का प्रयास करते हैं।

शुगर:- परंतु हम उस फूल को पहचानेंगे कैसे जिसने कुश को निघला था।

कमल:- उस फूल के मुंह का आकार दुगना हो गया होगा क्योंकि अभी उसने कुश को केवल निघला है। वह थोड़ी देर बाद उसे चबाकर खा जाएगा।

सितारा:- तो हमें जल्दी ही कुछ करना होगा। हमें किसी भी हाल में कुश को बचाना ही होगा।

करमजीत:- हां तुमने बिलकुल सही कहा सितारा।

कमल:- तो दोस्तों हम सभी अलग-अलग दिशा में जाकर उस फूल को ढूंढेंगे और जैसे ही वह फूल हमें मिल जाएगा वैसे ही हम उससे कुश को बचाएंगे।

बुलबुल:- हां करण हम सब अलग-अलग जाकर उस फूल को ढूंढते हैं।

करमजीत:- परंतु दोस्तों तुम सभी चौकन्ना रहना। क्योंकि अभी भी हमारे ऊपर कोई भी फूल आक्रमण कर सकता है।

सितारा:- हां दोस्तों हमें अकेले नहीं जाना चाहिए बल्कि दो लोगों को एक साथ जाना चाहिए।

बुलबुल:- हां सितारा तुमने बिलकुल सही कहा। हमें ऐसा ही करना चाहिए।

करण:- शुगर और टॉबी तुम दोनों मेरे साथ रहना। क्योंकि तुम दोनों को ज्यादा खतरा है। अगर वह फूल तुम्हारे ऊपर आक्रमण करेंगे तो तुम उन्हें मार नहीं पाओगे। इसलिए तुम दोनों मेरे साथ ही रहना।

करमजीत:- हां मैं और बुलबुल हम दोनों मिलकर कुश को ढूंढते हैं।

सितारा:- हां ठीक है दोस्तों और मैं कमल जी के साथ जाता हूं।

करण:- तो ठीक है दोस्तों चलो हम सब मिलकर कुश को बचाते हैं।

टॉबी:- हां बिल्कुल करण।

बुलबुल:- हां बिल्कुल तो चलो चलते हैं।

नैरेटर:- उसके बाद करण और उसके बाकी सभी दोस्त मिलकर उसी जादुई फूल को ढूंढने का प्रयास करते हैं।

टॉबी:- करण क्या कुश ठीक होगा?

करण:- तुम चिंता मत करो टॉबी कुश को कुछ नहीं होगा। तुम बस भगवान पर भरोसा रखो और उनसे प्रार्थना करो कि हमें जल्दी ही कुश सही सलामत मिल जाए।

शुगर:- हां करण तुमने बिलकुल सही कहा। भगवान जी हमारी रक्षा अवश्य करेंगे। वों कुश को कुछ नहीं होने देंगे। टॉबी तुम भी ज्यादा चिंता मत करो।

टॉबी:- हां शुगर।

शुगर:- करण देखो यहां पर फिर से दो फूल आ रहे हैं।

करण:- हां शुगर तुम शांत हो जाओ‌। तुम घबराओ मत। तुम दोनों बस मेरे पीछे ही रहना।

टॉबी:- ठीक है करण।

करण:- तुम दोनों अपनी सांसें रोक लो और शांत रहो।

नैरेटर:- उसके बाद करण शुगर और टॉबी तीनों अपनी सांस रोक लेते हैं और उन जादुई फूलों के जाने का इंतजार करते हैं।

नैरेटर:- जब उन तीनों के पास दूसरा फूल आता हैं। तब…….

टॉबी:- (लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए) उफफफ..

नैरेटर:- उसके बाद वह जादुई फूल टॉबी के ऊपर आक्रमण करता है।

टॉबी:- नहींईईईईईईई……..

करण:- रुक जाओ। (ऐसा कहते हुए करण जादुई फूल पर आक्रमण करता है और उसका सिर काट देता है।)

शुगर:- बाल बाल बचे।

टॉबी:- तुमने सही कहा शुगर, मैं बिल्कुल बाल-बाल बच गया। तुम्हारा बहुत-बहुत शुक्रिया करण तुमने तो आज मुझे बचा ही लिया नहीं तो यह फूल तो आज मुझे खा ही जाता।

शुगर:- टॉबी तुम्हें थोड़ा ध्यान रखना चाहिए था तुम्हें अपनी सांसों को थोड़ी देर और रोकने का प्रयास करना चाहिए था।

टॉबी:- माफ करना शुगर मुझसे गलती हो गई। तुम भी करण मुझे माफ करना, मेरी वजह से ऐसा हुआ।

करण:- कोई बात नहीं टॉबी। अब हम आगे चलते हैं।

शुगर:- हां चलो।

बुलबुल:- करमजीत हमें तो वह फूल कहीं भी नजर नहीं आ रहा है। हमारे हाथ से समय भी निकला जा रहा है। हमें जल्दी ही कुश को बचाना होगा।

करमजीत:- हां बुलबुल तुम चिंता मत करो। हम सभी मिलकर कुश को बचा कर ही रहेंगे।

बुलबुल:- हे भगवान बस आप कुश की रक्षा करना। बस उसे कुछ नहीं होना चाहिए।

करमजीत:- हां बिल्कुल सब ठीक होगा।

सितारा:- हमने तो लगभग सब जगह ढूंढ लिया परंतु हमें वह फूल कहीं भी नजर नहीं आ रहा है।

कमल:- हां आपने बिल्कुल सही कहा। मुझे भी अब कुश की चिंता होने लगी है। हमें उन्हें ढूंढते हुए काफी देर हो गई है।

सितारा:- हां कमल जी आपने बिल्कुल सही कहा। अब तो मुझे भी चिंता होने लगी है।

नैरेटर:- उसके बाद सभी कुश को पूरे जंगल में ढूंढने के बाद वापस उसी स्थान पर आ जाते हैं।

करण:- क्या किसी को कुश का पता चला?

बुलबुल:- नहीं करण हमें तो वह फूल कहीं भी नजर नहीं आया।

कमल:- हां हमने भी उस फूल को ढूंढने का बहुत प्रयास किया परंतु हमें वह कहीं भी नजर नहीं आया।

टॉबी:- क्या सभी ने पूरे जंगल में अच्छे से तलाश की है? कहीं ऐसा तो नहीं कि हम में से किसी ने कोई स्थान छोड़ दिया हो।

करमजीत:- नहीं टॉबी हमने एक-एक जगह को अच्छे से देखा है।

शुगर:- हे भगवान अब हम क्या करेंगे। हमें तो वह फूल और कुश कहीं पर भी नहीं मिले। कहीं ऐसा तो नहीं कि उस फूल ने कुश को खा लिया है। अब क्या होगा।

बुलबुल:- हां तुमने बिल्कुल सही कहा शुगर। (रोते हुए) मुझे भी बहुत ज्यादा घबराहट हो रही है। हम कुश को नहीं बचा पाए।

करमजीत:- (रोते हुए) हमें कुश का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए था। हमारी आंखों के आगे ही हमारे मित्र को उस फूल ने निघल लिया और हम कुछ ना कर सके। हमें इस तरह लापरवाही नहीं करनी चाहिए थी। हमें उसी समय उस फूल को अपनी नजरों से दूर जाने से रोकना चाहिए था।

करण:- (रोते हुए) कमल जी क्या और कोई उपाय नहीं है? जिससे हम कुश को बचा सके। क्योंकि हमने पूरे जंगल की अच्छे से तलाश की है। परंतु उसके बावजूद हमें ऐसा फूल कहीं नजर नहीं आया। क्या सच में अब हम कुश को कभी वापस नहीं ला सकेंगे?

कमल:- नहीं करण जी अब हम कुछ नहीं कर सकते। अब बहुत देर हो गई है। अब तक तो उस फूल ने कुश को चबाकर खा भी लिया होगा।

सितारा:- (रोते हुए) मुझे भी समय रहते अपनी जादुई शक्तियों का इस्तेमाल करके कुश‌ को बचाना चाहिए था। पहले ही मेरे कारण लव समय के चक्रव्यूह में फंस चुका है। मैं उसे भी बचाने में असफल रहा था और अब साथ ही हमने कुश को भी खो दिया है। यह सब मेरे कारण हुआ है मुझे इतनी लापरवाही नहीं करनी चाहिए थी।

टॉबी:- (रोते हुए) मुझे भी बहुत बुरा लग रहा है। हम कुश को बचाने में असफल रहे। काश हम कुश को बचा पाते।

शुगर:- (रोते हुए) हां तुम सभी ने बिल्कुल सही कहा। मुझे भी बहुत ज्यादा दुख हो रहा है।

कमल:- (आंखों में आंसू) जो कुछ भी हुआ मुझे भी उस बात का बहुत ज्यादा दुख है।

नैरेटर:- उसके बाद सभी कुश को याद करते हुए बहुत ज्यादा रोने लगते हैं। सभी को कुश के लिए बहुत ज्यादा बुरा लग रहा था। उन्हें लग रहा था कि वें अपने प्यारे मित्र को बचाने में असफल रहे और साथ ही उन्होंनें अपने मित्र को बचाने में लापरवाही की। परंतु होनी को कौन टाल सकता है।

कमल:- आप सभी कृपया करके शांत हो जाइए। मैं जानता हूं कि जो कुछ भी हुआ बहुत ही बुरा हुआ। ऐसा नहीं होना चाहिए था। आप सभी ने अपने प्यारे मित्र को खोया है। हम सभी उसे बचाने में असफल रहे। मुझे इस बात का बहुत दुख है। परंतु आप सभी खुद को संभालिए।

बुलबुल:- (रोते हुए) परंतु जब हम लव से मिलेंगे तो हम उसे क्या जवाब देंगे? हम उसे क्या बताएंगे कि उसकी गैर हाजिरी में हम उसके भाई की रक्षा न कर सके। उसे यह बात जानकर कितना दुख होगा और साथ ही पता नहीं हम लव को भी कब वापस ला पाएंगे।

नैरेटर:- जब करण और उसके सभी दोस्त वहां पर यह सब सोच-सोच कर बहुत ज्यादा दुखी होते हुए रो रहे थे। तभी कोई बुलबुल के कंधे पर हाथ रखता है।

शुगर:- हे भगवान कुश का भूत इतनी जल्दी हमारे सामने आ गया।

टॉबी:- क्या कहा भूत? मम्मी…….

बुलबुल:- कुश क्या तुम हमें पहचान सकते हो? क्या तुम इतनी जल्दी भूत बन गए हो?

करमजीत:- कुश क्या तुम हमें सुन पा रहे हो? क्या तुम बोल भी सकते हो? (रोते हुए) तुम भूत बनने के बाद भी हमसे मिलने आए हो। तुम कितने अच्छे हो कुश। हमें माफ करना हम तुम्हें नहीं बचा पाए।

कुश:- (छिंकते हुए) अरे..आच्छू… दोस्तों.. ..आच्छू… मैं भूत नहीं हूं।..आच्छू… मैं कुश ही हूं। तुम सभी भला इस तरह क्यों रो रहे हो? मैं बिल्कुल ठीक हूं मुझे कुछ नहीं हुआ है।

सितारा:- क्या कहा इसका मतलब तुम जिंदा हो?

कुश:- नहीं इस समय मेरा भूत आया हैं यहां पर।

टॉबी:- (डरते हुए) इसका मतलब तुम सच में भूत बनकर आए हो।

कुश:- अरे नहीं नहीं दोस्तों, मैं तो बस ऐसे ही बोल रहा था। मैं सच में जिंदा हूं, मुझे कुछ नहीं हुआ। तुम सभी को मुझसे डरने की आवश्यकता नहीं है। मैं कोई भूत नहीं हूं।

कमल:- परंतु आपने उस फूल से किस प्रकार अपने प्राण बचाए? जबकि आपको तो उस फूल ने निघल लिया था। साथ ही हमने आपके पूरे जंगल में ढूंढा परंतु आप हमें कहीं नहीं मिले।

कुश:- दरअसल दोस्तों ऐसा हुआ कि……..

बुलबुल:- अच्छा तो तुम्हारे साथ इतना सब हुआ।

नैरेटर:- तो आखिर किस प्रकार कुश ने उस फूल से अपने प्राण बचाए और वह वापस उस फूल के मुंह से बाहर आने में सफल रहा। और साथ ही अब आगे करण और उसके दोस्तों के सामने उस जादुई जंगल में किस प्रकार की नई मुसीबतें आने वाली थी। यह सब जानने के लिए बने रहिएगा तिलिस्मी कहानी के अगले एपिसोड तक।

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