Homeतिलिस्मी कहानियाँ98 – जंगली फूलों से लड़ाई | Jadui phoolo se ladai | Tilismi Kahaniya | Moral Stories

98 – जंगली फूलों से लड़ाई | Jadui phoolo se ladai | Tilismi Kahaniya | Moral Stories

नैरेटर:- पिछले एपिसोड में आप ने देखा था कि करण और उसके दोस्त एक जादुई जंगल में पहुंच गए थे। वहां पर फल खाने के बाद वे सभी एक कुटिया में रात को सो रहे थे। तभी उन्हें वहां पर बहुत अजीब सी आवाज सुनाई देती है। उसके बाद जब करण और करमजीत कुटिया के बाहर जाकर देखते हैं तो वह काफी हैरान हो जाते हैं। तो चलिए देखते हैं कि करण और करमजीत ने आखिर ऐसा क्या देखा। जिसे देखकर वह इतना हैरान हो गए थे।

करमजीत:- करण यह सब क्या है?

करण:- पता नहीं करमजीत। यह जो कुछ भी है बहुत ही खतरनाक है।

नैरेटर:- करण और करमजीत देखते हैं कि बाहर बहुत ही बड़े फूल थे। वे कोई मामूली फूल नहीं थे। वे आम इंसानों की तरह चल पा रहे थे। तथा दिखने में काफी डरावने लग रहे थे।

करमजीत:- यह तो बहुत ही खतरनाक फूल दिखते हैं करण और साथ ही यह तो आम इंसानों की तरह चल पा रहे हैं।

करण:- तुमने बिलकुल सही कहा करमजीत। यह फूल तो वाकई बहुत अजीब है। यह फूल तो हमारी तरफ ही आ रहे हैं। हमें बाकी सभी को भी जागना होगा। हम सबके प्राण खतरे में हैं।

करमजीत:- तुमने बिलकुल सही कहा करण। मैं अभी अंदर जाकर सबको उठाता हूं।

नैरेटर:- उसके बाद करण और करमजीत जल्दी से कुटिया के अंदर जाते हैं और सभी को उठाने का प्रयास करते हैं।

करमजीत:- कुश, सितारा और कमल जी जल्दी उठो।

कुश:- क्या है तुम हमें शांति से सोने भी नहीं देते हो। मैं तुम्हें छोडूंगा नहीं आखिर तुम्हारी इतनी हिम्मत कैसे हुई कि तुमने मेरी नींद भंग की।

करमजीत:- कुश अभी इन सब चीजों का समय नहीं है तुम्हें जल्दी उठना होगा।

कुश:- नहीं मुझे सोना है, मुझे सोने दो।

सितारा:- हां मुझे भी सोने दो मुझे बहुत नींद आ रही है कृपया करके इस तरह शोर मत करो और तुम भी सो जाओ करमजीत।

करमजीत:- परंतु सितारा तुम्हें उठाना ही होगा…

करण:- हां बुलबुल शुगर टॉबी। सभी जल्दी उठ जाओ हमारे ऊपर मुसीबत आन पड़ी है।

कमल:- आखिर बात क्या है करण? कैसी मुसीबत आन पड़ी है।

करण:- कमल जी पहले आप सभी को उठाने में हमारी सहायता कीजिए। उसके बाद मैं आप सभी को बताता हूं। अभी हमारे पास ज्यादा समय नहीं है।

नैरेटर:- उसके बाद करण कमल और करमजीत तीनों मिलकर सभी को नींद से उठाने की कोशिश करते हैं।

कुश:- (नींद में) आखिर बात क्या है तुमने हमें इस तरह आधी रात को क्यों उठाया?

सितारा:- हां क्या बात है करमजीत?

टॉबी:- (नींद में) तुम सब ने इस तरह हमारी नींद क्यों खराब की? मैं तो बहुत ही अच्छा सपना देख रहा था। मैं सपने में अलग-अलग पकवान खा रहा था। बिना वजह ही तुमने हमें उठा दिया।

करमजीत:- चिंता मत करो हमने तुम्हें इसलिए उठाया है क्योंकि तुम भी अभी किसी के पकवान बनने वाले हों।

टॉबी:- क्या कहा पकवान बनने वाला हूं। तुम ऐसा क्यों कह रहे हो करमजीत।

बुलबुल:- हां करमजीत आखिर बात क्या है अब बताओ भी तुम सब ने हमें क्यों उठाया?

करण:- चलो सभी बाहर चलकर सब स्वयं अपनी आंखों से ही देख लो।

नैरेटर:- उसके बाद करण और उसके सभी दोस्त कुटिया से बाहर आ जाते हैं।

बुलबुल:- हे भगवान! यह सब क्या है?

शुगर:- यह तो बहुत ही डरावने है। भगवान जी कृपया करके हमारी सहायता करना। मुझे तो बहुत डर लग रहा है।

टॉबी:- तुम चिंता मत करो। शुगर मैं हूं ना। मैं तुम्हें कुछ नहीं होने दूंगा।

सितारा:- यह तो जादुई फूल है। मैंने इंसान खाने वाले ऐसे कई फूल देखे हैं। परंतु ऐसा फूल तो मैं पहली बार देख रहा हूं। इनकी तो कोई जड़ ही नहीं है और साथ ही ये सब एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से चल फिर पा रहे हैं।

करण:- हां तुमने बिलकुल सही कहा सितारा। हर फूल की कोई ना कोई जड़ होती है। मुझे तो समझ नहीं आ रहा कि बिना जड़ के यह फूल जीवित कैसे हैं? आखिर इन फूलों का रहस्य क्या हो सकता है?

बुलबुल:- पहले तो हमें इनसे अपने प्राण बचाने होंगे। नहीं तो यह सब हमें……

कुश:- (हैरानी से) कच्चा ही चबा जाएंगे।

टॉबी:- तो क्या कुश तुम ऐसा चाहते हो कि पहले यह हमें पकाए और फिर खाएं?

शुगर:- ना बाबा ना फिर तो हमें बहुत ज्यादा तकलीफ होगी। हे भगवान अब हम क्या करेंगे?

कुश:- अरे नहीं टॉबी ऐसी बात नहीं है। वह तो बस मैं केवल बता रहा था। यह फूल तो सच में बहुत डरावने दिख रहे है।

करण:- दोस्तों तुम सभी अपनी तलवार निकाल लो।

बुलबुल:- हां ठीक है करण।

कमल:- आप सभी रुकिए।

करण:- क्या बात है कमल जी।

कमल:- दरअसल यह पूरा जंगल ही जादुई है तथा यहां पर हर एक चीज काफी अनोखी है। यह जादुई फूल इंसानों को एक ही बारी में निगल जाते हैं। यह फूल कुछ देख नहीं सकते। परंतु इनकी सुनने की क्षमता बहुत ही अधिक होती है। अगर आपने जरा सी भी हलचल की तो यह फूल तुरंत पता लगा लेंगे कि आप उस समय कहां है और उसके बाद अपना शिकार करेंगे।

बुलबुल:- इसका मतलब हमें बिल्कुल शांत रहना होगा। नहीं तो यह फूल हमें उसी समय पकड़कर खा लेंगे।

कमल:- हां बिल्कुल सही कहा। इन फूलों की कोई जड़ नहीं होती। इसलिए यह पूरा दिन सूरज की रोशनी में मिट्टी में सोते हैं। जिससे इन्हें अपना पूरा पोषण मिलता है। उसके बाद यह सभी रात को अपना शिकार करते हैं।

टॉबी:- परंतु यह अपना शिकार रात को ही क्यों करते हैं?

कमल:- क्योंकि दिन में इन्हें भरपूर मात्रा में सूरज की रोशनी से ऊर्जा प्राप्त होती है जिससे इन्हें काफी शक्ति मिलती है और साथ ही जब रात को सभी जीव जंतु सो रहे होते हैं तब इन्हें शिकार करना आसान हो जाता है। क्योंकि यह ना तो ज्यादा तेज चल पाते हैं और ना ही कुछ देख पाते हैं। परंतु इनकी सुनने की क्षमता बहुत अधिक होती है। जब यह किसी जीव जंतु के पास पहुंचते हैं तो यह उनकी सांसों की भी गिनती सुन लेते हैं। जिससे यह अपना शिकार कर पाते हैं।

करण:- इसीलिए यह सभी फूल इतना धीरे चल रहे हैं।

बुलबुल:- परंतु इनकी तो तादाद बहुत ज्यादा है और यह सब हमारे पास पहुंचने ही वाले हैं और जब यह हमारे पास पहुंच जाएंगे तब यह हमारी सासों को गिनकर हमारा शिकार कर लेंगे। आखिर अब हम क्या करेंगे हम तो यहां से भाग भी नहीं सकते। क्योंकि यहां पर चारों तरफ यही फूल है।

कुश:- तुमने बिलकुल सही कहा बुलबुल अब हम क्या करेंगे?

सितारा:- रुको दोस्तों मैं अपनी जादुई शक्तियों की सहायता से इनका सामना करने का प्रयास करता हूं।

टॉबी:- परंतु जल्दी करना कहीं ऐसा ना हो कि हम सब उन फूलों के पेट में हो और तब तुम अपनी जादुई शक्तियों का इस्तेमाल करो।

सितारा:- क्या कहा तुमने टॉबी।

शुगर:- (सिर को नाक में हिलाते हुए) हे भगवान! अब फिर से नहीं।

टॉबी:- हा हा हा मैं तो बस मजाक कर रहा था।

कमल:- रुकिए आप अपनी जादुई शक्तियों का इस्तेमाल मत कीजिए।

सितारा:- परंतु क्यों कमल जी?

करण:- हां कमल जी बताइए।

कमल:- दरअसल यह पूरा जंगल ही जादुई है और अगर आप यहां पर अपनी जादुई शक्तियों का इस्तेमाल करेंगे तो वह जादुई शक्तियां आप पर ही भारी पड़ेंगी। आपकी जादुई शक्तियां आपके लिए ही खतरनाक साबित हो सकती हैं। साथ ही ऐसा भी हो सकता है कि आप दोबारा शायद अपनी शक्तियां इस्तेमाल ही ना कर पाए। इसलिए आपको यहां पर अपनी जादुई शक्तियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

सितारा:- क्या कहा आपने… क्या सच में ऐसा भी हो सकता है कि मैं दोबारा अपनी जादुई शक्तियों का इस्तेमाल नहीं कर पाऊंगा?

कमल:- हां आपने बिल्कुल सही सुना। ऐसा होने की संभावना बहुत ज्यादा है। इसलिए यहां पर आपको सबसे ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है।

सितारा:- ठीक है तो फिर मैं अपनी जादुई शक्तियों का इस्तेमाल नहीं करूंगा। दोस्तों तुम सब मुझे माफ करना मैं अपनी जादुई शक्तियां इस्तेमाल नहीं कर सकता। परंतु अगर मुझे लगेगा कि कोई मुसीबत में है तो मैं अवश्य ही सहायता करने का प्रयास करूंगा।

करण:- सितारा तुम भला हमसे माफी क्यों मांगते हो? इसमें तुम्हारा कोई दोष नहीं है।

बुलबुल:- हां तुमने बिलकुल सही कहा करण और सितारा तुम इतना ज्यादा मत सोचो। इसमें तुम्हारा कोई भी दोष नहीं है।

नैरेटर:- जब करण और उसके सभी दोस्त आपस में बात कर रहे थें। तभी वहां पर दो फूल आ जाते हैं।

करण:- दोस्तों सभी बिल्कुल चुप रहना अब यह फूल हमारे बिल्कुल पास आ चुके हैं और कोशिश करना कि जब तक की यह फूल हमारे पास से गुजर नहीं जाते तुम सभी अपनी सांसों को भी थोड़ी देर के लिए रोकने का प्रयास करना।

नैरेटर:- उसके बाद दो फूल करण और उसके दोस्तों के बिल्कुल सामने आ जाते हैं। जिसे देखकर सभी थोड़े घबरा जाते हैं परंतु वें सभी अपने सांस रोक लेते हैं।

नैरेटर:- वों दोनों फूल लगभग उनके पास से चले जाते हैं। सभी इस वजह से बहुत ज्यादा घबरा गए थे।

शुगर:- शुक्र है कि हम बच गए।

बुलबुल:- अभी कहां शुगर अभी तो और भी फूल आ रहे हैं।

करमजीत:- दोस्तों सभी सावधान रहो हमारे पीछे से पांच फूल आ रहे हैं।

बुलबुल:- क्या कहा पांच?

करमजीत:- शशशशशशशशश………….

नैरेटर:- उसके बाद फिर से सभी अपनी सांसें रोक लेते हैं।

करण:- (अपनी आंखों को बड़ा करते हुए और उंगली से चुप रहने का इशारा करते हुए कुश को शांत रहने को कहता है।)

कुश:- (तब कुश घबराते हुए अपनी गर्दन हल्की सी ना में हिलाता है।)

नैरेटर:- वह पांच फूल आगे जा ही चुके थे। उनमें से आखरी फुल कुश के पास पहुंच गया था। कुश बहुत ज्यादा घबरा रहा था और वह अपनी सांसों को ओर नहीं रोक पा रहा था।

नैरेटर:- बाकी सभी फूल काफी आगे निकल चुके थे। वह आखरी फूल भी कुश के पास से जाने ही वाला था की तभी……..

कुश:- आंच्छीईईईईईईई…….. (छींक)

नैरेटर:- तभी वह फूल कुश की आवाज सुन लेता है और वह उसे निघल जाता है।

करण:- कुशशशशश……….

बुलबुल:- नहीं कुशशश……

करमजीत:- यह क्या हुआ… कुश…….

नैरेटर:- जैसे ही करण करमजीत और बुलबुल कुश को पुकारते हैं वैसे ही उनके पास भी कुछ फूल आ जाते हैं।

कमल:- सभी अपनी तलवारों से इन फूलों का सामना करने का प्रयास करो। परंतु सभी सीधा इनके मुंह पर ही आक्रमण करना। क्योंकि यह अपने हाथों का इस्तेमाल नहीं करेंगे सीधा हमें निघलने का प्रयास करेंगे जैसे इन्होंने कुश के साथ किया।

करण:- टॉबी, शुगर तुम दोनों अपना ध्यान रखना और हमारे बीच में ही रहना।

टॉबी:- ठीक है करण।

नैरेटर:- उसके बाद करण और उसके सभी दोस्त टॉबी और शुगर के चारों तरफ घेरा बना लेते हैं। ताकि वह फूल उन दोनों पर आक्रमण ना कर सके। उसके बाद वे सभी मिलकर उन फूलों का सामना करते हैं।

करण:- सभी अपना ध्यान रखना।

नैरेटर:- बहुत सारे फूलों ने भी करण और उसके सभी दोस्तों को घेर लिया था। क्या करण और उसके सभी दोस्त मिलकर उन फूलों का सामना कर पाएंगे और साथ ही उस जादुई फूल ने कुश को निघल लिया था। क्या सभी इस गम से बाहर निकाल पाएंगे। यह सब जानने के लिए बने रहिएगा तिलिस्मी कहानी के अगले एपिसोड तक।

 

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