Homeतिलिस्मी कहानियाँ96 – चुड़ैल vs राक्षस | Chudail vs Rakshas | Tilismi Kahaniya | Moral Stories

96 – चुड़ैल vs राक्षस | Chudail vs Rakshas | Tilismi Kahaniya | Moral Stories

नैरेटर:- पिछले एपिसोड में आप ने देखा था कि करण और उसके दोस्तों को शैतान ने अपने काबू में कर लिया था परंतु राक्षसी महारानी ने उन सब को वापस होश में लाने में सहायता की। उसके बाद वे सभी बूढ़ी राक्षसी के पास आ जाते हैं जहां पर वह बूढ़ी राक्षसी एक जादूई काडा तैयार करने के लिए बगीचे से सामग्रियां लेने चली जाती है।

नैरेटर:- तभी वहां पर राक्षसी महारानी बेहोश हो जाती है।

शुगर:- महारानी…

बुलबुल:- अरे महारानी को क्या हो गया है? यहां पर तो कोई आया भी नहीं। तो यह अचानक से इस तरह बेहोश कैसे हो गई?

करण:- पता नहीं बुलबुल परंतु कुछ तो गड़बड़ अवश्य है। कुछ तो बात है जिसकी वजह से महारानी की यह दशा हुई है।

बुलबुल:- महारानी उठिए महारानी।

शुगर:- हमारे इतने प्रयास के बाद भी महारानी को होश नहीं आ रहा।

कुश:- पता नहीं यहां पर यह सब क्या हो रहा है? मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा है। यहां पर तो सब कुछ अजीब ही है, जिसे समझना बहुत ही मुश्किल है।

सितारा:- तुमने बिलकुल सही कहा कुश। परंतु तुम चिंता मत करो हम आज ही इन सबका समाधान निकाल लेंगे।

करमजीत:- हां सितारा।

नैरेटर:- तभी वहां पर वह बुढ़ी राक्षसी आ जाती है।

बुढ़ी राक्षसी:- महारानी…??

कुश:- महारानी बेहोश हो गई है? पता नहीं इन्हें अचानक से क्या हुआ।

टॉबी:- हां आपके बाहर जाते ही महारानी अचानक से बेहोश हो गई थी। हमारे अनेक प्रयास करने पर भी इन्हें होश नहीं आया।

बुढ़ी राक्षसी:- अभी महारानी को होश नहीं आएगा। ‌

करण:- परंतु क्यों?

बुढ़ी राक्षसी:- क्योंकि यह सब उस शैतान ने किया है। उन्होंने महाराज और महारानी दोनों को अपने कब्जे में कर लिया है। अगर आज रात होने से पहले हमने उन्हें खत्म नहीं किया तो महाराज और महारानी की मृत्यु हो सकती है।

करण:- हां क्योंकि आज पूर्णिमा की रात है और वे सभी अपने मकसद में कामयाब होना चाहते हैं परंतु हमें उन्हें ऐसा करने से रोकना होगा।

बुलबुल:- हां हम सब मिलकर उनका सामना करेंगे।

करमजीत:- आज उन सभी रक्षसों का अंत होगा।

बुढ़ी राक्षसी:- ठीक है मैं जल्दी से अब वह जादुई काडा तैयार करती हूं।

नैरेटर:- उसके बाद वे सभी जादुई काडा बना लेते हैं।

बुढ़ी राक्षसी:- अब यह तैयार है।

कुश:- तो फिर हम सब चलते हैं, उन राक्षसों को सबक सिखाने और उनका खात्मा करने।

सितारा:- हां कुश आज वो हम सबसे नहीं बचेंगे।

नैरेटर:- उसके बाद वे सभी उन दोनों राक्षसों के कक्ष में पहुंच जाते हैं।

शुगर:- यहां पर तो कोई भी नहीं हैं।

करण:- सभी अपना ध्यान रखना वो कभी भी यहां पर आ सकते हैं। हमें हिम्मत नहीं हारनी है और डटकर उनका सामना करना है।

बुढ़ी राक्षसी:- सही कहा क्योंकि हम इस काडे की सहायता से उस शैतान को केवल कमजोर कर सकते हैं। परंतु उसको पूरी तरह हरा नहीं सकते। हम सभी को मिलकर ही उसका सामना करना होगा।

नैरेटर:- तभी वहां पर वह दोनों राक्षस आ जाते हैं।

राक्षस 1:- हा हा तुम लोग फिर से आ गए।

राक्षस 2:- लगता है यह सभी जिंदा नहीं रहना चाहते इसलिए बार-बार यहां पर आ जाते हैं।

बुलबुल:- शैतानी गुलाम तुम अपनी फिक्र करो हमारी फिक्र छोड़ दो।

राक्षस 1 :- क्या कहा तुमने, तुम्हारी इतनी हिम्मत।

करण:- तुम्हें पहले मेरा मुकाबला करना होगा।

राक्षस 1:- अवश्य बच्चें।

नैरेटर:- उसके बाद दोनों राक्षस अपनी तलवार के साथ करण और करमजीत से लड़ने लगते हैं।

कुश:- शाबाश करण तुम कर सकते हो।

टॉबी:- हां तुम दोनों इन राक्षसों को मिलकर धूल चटा दो।

सितारा:- परंतु इन दोनों को धूल खिलाकर क्या करना है?

बुलबुल:- अरे सितारा यह कहावत है, इसका मतलब है कि इन सबको सबक सिखा दो।

सितारा:- हां बुलबुल मैं तो बस मजाक कर रहा था।

बुलबुल:- तुम भी ना सितारा।

नैरेटर:- तभी वहां पर शैतान आ जाता है।

शैतान:- तुम सब मेरे पास वापस आ गए। अच्छा हुआ तुम सब खुद ही आ गए वरना अंजाम बहुत बुरा हो सकता था।

करण:- ऐ शैतान, अंजाम तो तुम्हारा बहुत बुरा होने वाला है।

शैतान:- हा हा हा।

शैतान:- मैं तुम सबको खत्म कर दूंगा।

बुढ़ी राक्षसी:- इतनी आसानी से नहीं।

नैरेटर:- उसके बाद वह बुढ़ी राक्षसी उस जादुई काडे को शैतान पर डाल देती हैं।

शैतान:- आआआ…… यह तुमने क्या किया।

बुढ़ी राक्षसी:- अब तुम नहीं बचोगे।

शैतान:- रुक जाओ…….

राक्षस:- मालिक…..

टॉबी:- शाबाश करण।

शुगर:- हां अब ये सभी नहीं बचने वाले।

टॉबी:- हां शुगर।

बुलबुल:- आप ठीक तो है ना?

बुढ़ी राक्षसी:- हां मैं ठीक हूं। परंतु अब यह शैतान पहले से ज्यादा शक्तिशाली हो गया हैं।

शुगर:- हां क्योंकि रात हो गई है और चांद भी पूरा निकला है।

बुलबुल:- इसका मतलब अब इस शैतान की शक्तियां और भी ज्यादा बढ़ गई है। तो अब हम इसे नहीं हरा पाएंगे?

शैतान:- हा हा हा अब तुम मेरा कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे।

नैरेटर:- उसके बाद वह बूढ़ी राक्षसी उठकर फिर से उसे शैतान पर हमला करती है। पर शैतान की शक्तियों के आगे वह ज्यादा देर नहीं टिक पाती और उसके हमले से वह बेहोश हो जाती है।

कमल:- सितारा क्या तुम अपने जादू की सहायता से कुछ नहीं कर सकते।

सितारा:- हां मैं कोशिश करता हूं कमल जी। “सितारा है मेरा नाम चुटकी बजाना है मेरा काम।”

बुलबुल:- सितारा…..

शुगर:- सितारा संभाल कर।

नैरेटर:- सितारा भी उस शैतान का सामना नहीं कर पाता।

कुश:- सितारा…..

बुलबुल:- सितारा क्या तुम ठीक हो?

सितारा:- हहा…..

कमल:- अब हम क्या करें इस शैतान के आगे तो कोई भी नहीं टिक पा रहा है।

कुश:- हां आपने बिल्कुल सही कहा। इसे हराने का तो हमारे पास कोई हल ही नहीं है।

राक्षस 1:- तुम्हारी भलाई इसी में है बच्चों, की तुम सब हमारे आगे हार मान लो।

करण:- नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं होगा।

नैरेटर:- उसके बाद करण और करमजीत दोनों अपनी तलवार से उस शैतान पर एक साथ हमला करते है। ‌

कमल:- करण……

कुश:- करण, करमजीत…

टॉबी:- तुम दोनों ठीक तो होना लगता है हम इसे कभी नहीं हरा पाएंगे।

करण:- नहीं… ऐसा नहीं… होगा।

बुलबुल:- (रोते हुए) करण… हे भगवान हमारी रक्षा करो, कृपया करके हमें इससे बचाओ। प्रभु हमें कोई रास्ता दिखाओ। अब आप ही हमारी सहायता कर सकते हैं और हमें इस मुसीबत से निकाल सकते हैं।

शैतान:- आआआआआ……. इसे बंद करो।

बुलबुल:- अरे यह यह रोशनी तो इस नागमणि से आ रही है।

करण:- हां यह मणी तो मुझे नागराज जी ने दी थी।

नैरेटर:- उस मणी की रोशनी से सभी को होश आ जाता है।

बुढ़ी राक्षसी:- बेटा यह कोई आम मणी नहीं है। आज पूर्णिमा की रात को भगवान तुम्हारा साथ दे रहे हैं। इसी के जरिए हम इस शैतान का खात्मा कर सकते हैं। लाओ तुम यह मणी मुझे दो‌।

करण:- जी ये लीजिए।

नैरेटर:- उसके बाद वह बुढ़ी राक्षसी उस मणी को अपने बनाए हुए जादुई काड़े में डाल देती है। इसके बाद उस जादुई काड़े का रंग बदल जाता है।

टॉबी:- अरे इसका तो रंग बदल गया।

बुढ़ी राक्षसी:- अब यह जादुई जल शक्तियों से संपूर्ण हो गया है।

नैरेटर:- उसके बाद वह बुढ़ी राक्षसी कुछ मंत्रों का उच्चारण करने लगती हैं।

शैतान:- नहीं… बस करो… रुक जाओ… मैंने कहा… तुम सब रुक जाओ।

दोनों राक्षस:- नहीं…….

शुगर:- ए शैतान अब तेरा अंत निश्चय है।

टॉबी:- हां अलविदा शैतान।

नैरेटर:- मंत्रों का उच्चारण पूरा करने के बाद वह राक्षसी उस जादुई जल को शैतान और उन दोनों राक्षसों पर डाल देती है।

शैतान:- तुमने यह सब…अच्छा नहीं किया…….

टॉबी:- हां हमने अच्छा नहीं किया।

शुगर:- यह तुम क्या कह रहे हो टॉबी?

टॉबी:- मेरा कहने का मतलब कि हमने अच्छा नहीं किया बल्कि हमने तो बहुत ही अच्छा किया है।

शुगर:- हा हा हा तुम भी ना टॉबी।

बुलबुल:- हा हा हा टॉबी बिल्कुल सही कहा रहा हैं।

सितारा:- शुक्र है मणी का कि आखिर इन सब का खत्म हो ही गया। नहीं तो मुझे तो बहुत ज्यादा चिंता सता रही थी कि हम इनका खात्मा कैसे करेंगे क्योंकि यह बहुत शक्तिशाली थे और इन पर हमारी किसी भी शक्तियों का असर नहीं हो रहा था।

बुलबुल:- हां तुमने बिलकुल सही कहा सितारा। हमें यह मणी बिल्कुल समय पर मिली।

करण:- मैं तो बिल्कुल भूल ही गया था कि यह मणी मेरे पास थी।

टॉबी:- करण तुम्हें पहले ही इस मणी को निकाल लेना चाहिए था। वरना हमें इतना सब कुछ नहीं सहना पड़ता।

बुढ़ी राक्षसी:- कोई बात नहीं बच्चों जो कुछ भी होता है वो एक निश्चित समय पर ही होता है।

करमजीत:- हां आपने बिल्कुल सही कहा।

कमल:- आखिर अंत भला तो सब भला।

बुलबुल:- हां कमल जी।

कुश:- अब हम सभी को चलकर महाराज और महारानी को भी ठीक करना होगा।

बुलबुल:- हां तुमने बिलकुल सही कहा कुश।

सितारा:- तो फिर चलो चलते हैं।

बुढ़ी राक्षसी:- महाराज और महारानी दोनों अभी भी बेहोश होंगे।

बुलबुल:- क्या परंतु अब तो हमने शैतान को भी खत्म कर दिया है।

बुढ़ी राक्षसी:- उन्होंने उनके ऊपर काला जादू किया था इसीलिए वो दोनों अभी काफी कमजोर होंगे।

बुलबुल:- तो फिर वो वापस होश में कैसे आएंगे?

बुढ़ी राक्षसी:- इस जादुई काड़े की सहायता से वो फिर से होश में आ जाएंगे।

कुश:- ठीक है तो फिर हम चलते हैं।

बुढ़ी राक्षसी:- आप सभी यह आधा काडा लेकर महाराज के कक्ष में जाइये। तब तक मैं महारानी के पास जाती हूं।

सितारा:- हां यह सही रहेगा।

करण:- जी ठीक हैं।

नैरेटर:- उसके बाद वे सभी महाराज के कक्ष में पहुंच जाते हैं और वह राक्षसी महारानी के कक्ष में चली जाती है।

कुश:- अब हमें इस काडे को महाराज के ऊपर डालना होगा।

करण:- हां मैं डालता हूं।

नैरेटर:- उसके बाद करण उस काड़े को महाराज के ऊपर छिड़क देता है और महाराज को होश आ जाता है।

कुश:- महाराज……

महाराज:- कौन हो तुम सब और फिर से तुम मेरे कक्ष में आ गए।

करण:- महाराज हम यहां पर आपकी सहायता करने आए थे। हम आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते।

महाराज:- तुम सब बार-बार हमसे झूठ कहते हो।

कुश:- नहीं महाराज ऐसा नहीं है, हम आपसे झूठ नहीं बोल रहे।

बुलबुल:- हां हमारी बात पर विश्वास कीजिए महाराज।

महाराज:- सैनिकों……

सैनिक:- जी महाराज।

महाराज:- इन्होंने बिना हमारी आज्ञा हमारे कक्ष में प्रवेश कैसे किया?

सैनिक:- क्षमा करें महाराज।

महाराज:- बंदी बना लो इन्हें।

सैनिक:- जी महाराज।

नैरेटर:- जब सैनिक उन्हें बंदी बनाने वाला था। तब करमजीत अपनी तलवार निकाल लेता है।

करमजीत:- रुक जाओ।

महाराज:- ओह तो तुम मुकाबला करना चाहते हो।

करण:- नहीं करमजीत ऐसा मत करो।

करमजीत:- परंतु करण यह हमारी बात पर विश्वास करने को तैयार नहीं है। उन्होंने हमें यहां पर कितनी बार बंदी बनाया है।

महाराज:- ठीक हैं।

नैरेटर:- उसके बाद महाराज अपनी तलवार से करमजीत के ऊपर हमला कर देता है।

नैरेटर:- अब देखना यह है कि महाराज करण और उसके दोस्तों के साथ क्या करेंगे। ‌क्या उन सभी को फिर से तहखाने में बंद होना होगा। यह सब जानने के लिए बने रहिएगा तिलिस्मी कहानी के अगले एपिसोड तक।

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